पर्यावरण को सुधारने के लिए सौर ऊर्जा का भरपूर प्रयोग करें – श्री गिर्राज डंडोतिया
पर्यावरण को सुधारने के लिए सौर ऊर्जा का भरपूर प्रयोग करें - श्री गिर्राज डंडोतिया
विद्यालयों में हर्बल गार्डन लगाने के लिये उन्मुखीकरण कार्यक्रम, औषधीय पौधा, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सुजागृति समाजसेवी संस्था मुरैना द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र मुरैना में आयोजित की गई। यह कार्यशाला राष्ट्रीय औषध पादप बोर्ड नई दिल्ली के सहयोग से की गई।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिर्राज डंडोतिया ने कहा कि पर्यावरण को सुधारने के लिए सौर ऊर्जा का भरपूर प्रयोग करें। उन्होंने प्रिंसिपल और शिक्षकों से भी कहा कि भाभी पीढ़ी को आप ही जागरूक और सजक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर चल सको तो स्वयं ही चलो तुम, सफलता तुम्हारे चरण चूम लेगी।
सदा जो जगाए बिना ही जगह है, अंधेरा उसे देखकर ही भाग है। इसलिए आप लोगों को स्वयं पहल करने की आवश्यकता है। तभी हर्बल गार्डन तैयार होंगे, तभी पर्यावरण अच्छा होगा और हम क्लाइमेट चेंज से बचेंगे।
वन विभाग के एसडीओ श्री भूरा गायकवाड ने कहा कि जंगल हमारे फेफड़े हैं।
जंगलों का संरक्षण और संवर्धन आवश्यक है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी को शपथ भी दिलाई। कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञ डॉ. विनायक सिंह तोमर प्रोफेसर गर्लस डिग्री कॉलेज मुरैना ने पौधों के महत्व को समझाते हुए औषधि उद्यान के महत्व को बताया तथा इसमें शिक्षकों की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने समाज में अच्छे इंसान बनाने की बात भी कही।
कार्यक्रम में डॉ. राजकुमार सिंह तोमर पूर्व कृषि विज्ञान केंद्र मुरैना के डायरेक्टर ने क्लाइमेट चेंज पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे पौधे और फसलों की बुवाई का समय 15 दिन सर्दियों लेट आने की वजह से और 15 दिन पूर्व गर्मी आने की वजह से फसले प्रभावित हो रही हैं, जिससे उनकी होन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
कम पैदावार हो रही है। कार्यक्रम में शासकीय कला पथक दल ने भी पर्यावरण पर गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में 50 उच्चतर माध्यमिक, हाई स्कूल के प्रिंसिपल तथा 85 पर्यावरण क्लब के शिक्षकों ने भागीदारी की।