श्रीलंका से भगवान राम की पादुका उज्जैन पहुंची 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी

श्रीलंका से भगवान राम की पादुका उज्जैन पहुंची 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी

भोपाल। पूरे अखिल विश्‍व में इन दिनों राम नाम की गूंज है। राम मंदिर के लिए भगवान राम की पादुका अयोध्या पहुंचने से पहले महाकाल मंदिर में पूजन के लिए पहुंची। यहाँ पूजन अर्चन होने के बाद जहां जहां राम की पादुका लेकर भरत पहुंचे थे वहां वहां से होते हुए यह चरण पादुका 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगी और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दौरान उन्हें भी भगवान राम की मूर्ति के साथ विराजित किया जाएगा।

भगवान श्री राम लंकापति रावण का वध करने के बाद हवाई मार्ग से पुष्पक विमान में सवार होकर अयोध्या लौटे थे. यह यात्रा उन सभी स्थानों और तीर्थ स्थलों से गुजर रही है जहां वनवास काल में भगवान श्री राम के चरण पड़े थे. इसके अलावा भी यह यात्रा राम वन गमन पथ के आसपास पढ़ने वाले आध्यात्मिक महत्व या पौराणिक महत्व के स्थानों पर भी जा रही है।

यूपी सरकार की और से निकाली जा रही चरण पादुका यात्रा में शामिल सत्यनारायण मौर्य बाबा ने बताया कि अलग अलग नदियों के जल अयोध्या की मिटटी सहित चांदी और सोने से बनी ये चरण पादुका उज्जैन के बाद चित्रकूट और फिर अयोध्या ले जायेंगे। जिन्होंने प्रभु श्री राम की सेवा की है वे सब देश भर में राम के चरण पादुका के दर्शन कर ले। भरत ने तपस्या कर जहां से भगवान राम की चरण पादुका अपने सिर पर उठाई थी देश के हर उस शहर में या पादुका पहुंच रही है।

लगभग 44 दिन चली यात्रा –
करीब 44 दिन तक चलने वाले यह यात्रा का प्रारम्भ श्रीलंका के अशोक वाटिका से अयोध्या तक होगा। श्री राम राज्य युवा यात्रा शनिवार को उज्जैन पहुंची जहां स्थानीय श्रद्धालुओं ने इस यात्रा का भव्य स्वागत किया। इसके बाद महाकालेश्वर मंदिर में विधि विधान से चरण पादुका का पूजन अर्चन किया गया।

19 जनवरी को यात्रा अयोध्या पहुंचेगी जहां श्री राम की चरण पादुका को विधिवत पूजा अर्चना के साथ स्थापित किया जाएगा। राम से जुड़े जिन ऐतिहासिक स्थलों की पहचान की गई है, इस तरह ऐतिहासिक महत्व के 21 धार्मिक स्थल चिन्हित किए गए हैं। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र गुरु ने बताया कि सत्यनारायण मौर्य सहित वीएचपी और संघ के पदाधिकारी कार्यकर्ता शामिल थे। चरण पादुका को गर्भगृह में ले जाकर पूजन किया गया।

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