विधान सभा चुनाव में नेता पुत्र भी कर रहे मजबूत दावेदारी

विधान सभा चुनाव में नेता पुत्र भी कर रहे मजबूत दावेदारी

भोपाल। चुनाव नजदीक आते ही कई बाते सामने आने लगती हैं। ऐसी ही बात है कि प्रदेश के सीनियर नेताओं के बेटेभी चुनाव लडने की कतार में हैं। इससेजुडा हुआ एक बयान 12 सितंबर को मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का सामने आया। उन्होंने कहा कि नेता पुत्र होना अपराध नहीं है। नेता पुत्र कार्यकर्ता की तरह ही काम करता है। जनता उसे चाहती है, तो टिकट देने के मामले में उस पर भी विचार होगा। ये बयान तब आया, जब भाजपा 5 सीटों पर ऐसे नेताओं को टिकट दे चुकी है, जिनके पिता पहले विधायक-मंत्री रहे हैं।
जिनके पिता पहले से राजनीति में हैं, उनके बेटे-बेटियां क्या कर रहे हैं। कुछ कह रहे हैं कि हम पिता को जिताने के लिए लगे हुए हैं, तो कुछ कह रहे हैं कि जो पार्टी कहेगी, वो करेंगे। कुछ तो टिकट की दावेदारी भी कर रहे हैं। भाजपा से टिकट मांगने वाले नेता पुत्रों की संख्या कांग्रेस के मुकाबले ज्यादा है।
सुकर्ण मिश्रा: जहां पार्टी कहेगी, काम करूंगा
दतिया से विधायक और प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बेटे सुकर्ण ने कहा कि भाजपा का कार्यकर्ता हूं और रहूंगा। पार्टी जहां जिम्मेदारी देगी, वहां काम करूंगा। चुनाव लड़ने की बात पर सुकर्ण ने कहा- मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बात से सहमत हूं। उनका कहना है कि एक बार में एक परिवार का एक व्यक्ति ही पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ सकता है, तो मैं उसका पालन करूंगा।
कौन किसका बेटा , कहां से चाह रहा है
डा नरोत्‍तम मिश्रा – सुकर्ण मिश्रा , नरेंद्र सिंह तोमर – देवेंद्र तोमर , गौरीशंकर विसेन-मौसमविसेन , गौरी शंकर शेजवार- मुदित शेजवार, तुलसी सिलावट- नीतिश्‍ सिलावट, गोविंद राजपूत- आकाश राजपूत , सुमित्रा महाजन –मंदार महाजन , शिवराज सिंहचौहान – कार्तिकेय सिंह, गोपाल भार्गव- अभिषेक भार्गव, नंद कुमार सिंह चौहान- हर्षवर्धन सिंह , जयंत मलैया- सिदार्थ मलैया, ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया- महाआर्यमन , प्रभात झा- तुष्‍यमूल झा जैसे नाम प्रमुख है। कमोवेश यही हालत कांग्रेस में भी है।

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