केन बेतवा लिंक परियोजना – विस्थापितों की मांग कि मुआवजे की राशि बढाई जाये
केन बेतवा लिंक परियोजना – विस्थापितों की मांग कि मुआवजे की राशि बढाई जाये
मुआवजे की राशि नहीं बढी तो नदी में कूदने की धमकी दे रहे ग्रामीण,
भोपाल। केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार भले ही केन बेतवा लिंक परियोजना को बुंदेलखंड के विकास का आधार मान रहीं हों लेकिन स्थानीय रहवासी तो अपना दर्द बयां कर रहे हैं। परियोजना की रेंज में आ रहे प्रभावित गांव के लोगों का आरोप है कि सरकार उनके साथ अन्याय कर रही है। उनकी मांगो को न तो माना जा रहा है और न ही उसे पूरा करने का कोई प्रयास किया जा रहा है। यही कारण है कि ग्रामीणवासी अब विरोध करने पर उतर आये हैं।
मिली जानकारी के अनुसार डैम बनने से पन्ना टाइगर रिजर्व के कोर और बफर एरिया समेत 6 हजार 17 हेक्टेयर जंगल डूब क्षेत्र में आ रहे हैं। रिजर्व के अंदर 22 गांव भी हैं, जो इससे प्रभावित होंगे। इन गांवों में जाकर ग्रामीणों से बात की। गांव के लोगों का कहना है कि सरकार हमारी गर्दन पर तलवार रखकर बुंदेलखंड का भला करने का सोच रही है। अगर हमारी मांगें न मानकर जबरन विस्थापित किया गया, तो हम इस नदी में कूदकर जान दे देंगे, लेकिन यह जगह खाली नहीं करेंगे। जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक ये गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है। अब ये गांव आगामी विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करके विरोध जताने की तैयारी कर रहे हैं।
मुआवजा बढ़ाने की मांग
केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट को स्टेज वन का क्लीयरेंस मिल चुका है। दूसरे स्टेज का फॉरेस्ट क्लीयरेंस भी अंतिम चरण में है। प्रोजेक्ट में पन्ना टाइगर रिजर्व की जितनी जमीन डूब क्षेत्र में आ रही है, उतनी ही जमीन राज्य सरकार के मुहैया कराने के बाद डैम का काम शुरू हो जाएगा।
1982 में पन्ना टाइगर रिजर्व के अस्तित्व में आने के बाद से कुछ शर्तों के आधार पर ये लोग पन्ना टाइगर रिजर्व के अंदर ही रह रहे थे। यहां इनकी अपनी जमीनें भी हैं। मगर, ये पूरा क्षेत्र पन्ना टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है। केन बेतवा लिंक प्रोजेक्ट के तहत अब सरकार जमीन और घर का मुआवजा देकर इन्हें यहां से विस्थापित करने की तैयारी कर रही है।
ग्रामीणों को उनकी सिंचित जमीन के लिए कलेक्टर रेट के हिसाब से 3 लाख प्रति हेक्टेयर और असिंचित जमीन के लिए डेढ़ लाख प्रति हेक्टेयर मिलेगा। इसके अलावा, जो भूमिहीन हैं उन्हें 12.5 लाख रुपए का विशेष अनुदान मिलेगा। 9 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रत्येक परिवार को 12.5 लाख रुपए के विशेष अनुदान पैकेज की घोषणा की है।
ये 22 गांव होंगे प्रभावित
छतरपुर के डूब क्षेत्र वाले गांव ढोढन, पलकौहां, खरियानी, भोरखुआं, सुकवाहा, मैनारी, घुघरी, कुपी, बसुधा, शाहपुरा, पाठापुर, नैगुवां, नरौली, डुगरिया, कदवारा।
पन्ना के गांव गाहदरा, कटहरी, बिलहटा, मझौली, कोनी, डोंडी, खमरी, कूड़ान, मरहा।