*कमलनाथ चुनावी हिन्दु हैं, तुष्टिकरण ही कांग्रेस राजनीति का आधार* *- प्रहलाद सिंह पटेल*

सागर, 26/10/2023। जब रामभक्तों के सीनों को गोलियां छलनी कर रही थीं, तब कमलनाथ कहां थे। उस समय उन्हें हिन्दुत्व और सनातन की रक्षा का विचार नहीं आया। हकीकत यह है कि कमलनाथ चुनावी हिन्दू हैं। तुष्टिकरण ही कांग्रेस की राजनीति का आधार है। इस समय पूरी दुनिया प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को जप रही है, कांग्रेस की असली मुश्किल यह है। साढ़े चार सौ साल के अथक संघर्ष और चार लाख शहादतों के बाद आज सुखद संयोग आया है कि हम सब अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के गौरवशाली क्षणों को देख सकेंगे। 22 जनवरी 2024 इस सदी का सबसे शुभ दिन होगा, जब अयोध्या के भव्य मंदिर में श्रीराम लला विराजमान होंगे। यह बात केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने सागर जिले के नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम परसोरिया में पार्टी प्रत्याशी श्री प्रदीप लारिया के समर्थन में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने रायसेन जिले के उदयपुरा में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में भी रोड शो सभा को संबोधित किया। उन्होंने सागर जिले के देवरी में भी पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में सभा की।
*लालच देना भाजपा का स्वभाव नहीं*
केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि लालच देना भाजपा का स्वभाव कभी नहीं रहा। 2014 में जब नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने साढ़े तीन करोड़ कच्ची छतों के नीचे रहने वाले लोगों को पक्का मकान दिया। जब उन्होंने पीएम आवास योजना शुरू की तो ये सकारात्क परिणाम सामने आए। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने के लिए कभी जनता को लालच नहीं दिया, बल्कि सरकारें बनने के बाद जनता के कल्याण के कार्य किए हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने साढ़े 11 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराकर महिलाओं के मान-सम्मान और स्वाभिमान की रक्षा की है। श्री मोदी जी ने 9 करोड़ 60 लाख उज्ज्वला गैस कनेक्शन दिए हैं, इसका जिक्र भी उन्होंने चुनाव जीतने के पूर्व कभी नहीं किया था।
*लालच देना कांग्रेस की फितरत*
केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि शिवराज सरकार ने भी चुनाव जीतने के लिये कभी घोषणाओं की तिकड़मबाजी नहीं अपनायी, ये केवल कांग्रेस की फितरत है। जिस तरह से दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री श्री चौहान की कन्या पूजन की परंपरा को नौटंकी कहा है, वो शर्मनाक है। नर्मदा परिक्रमा करने के बाद भी दिग्विजय सिंह की सोच में बदलाव नहीं आया, ये विचारणीय प्रश्न है। कांग्रेस की कर्जमाफी की घोषणा का स्याह पहलू यह भी है कि दो सौ से ज्यादा किसानों ने आत्मदाह कर लिया और कमलनाथ के मुख पर दुःख का चिन्ह तक दिखाई नहीं देता। केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि श्री लारिया ने सदैव क्षेत्र के विकास के लिए काम किया है और वे हमेशा जमीन पर रहते हैं।
*खैरात नहीं सम्मान है लाड़ली बहना योजना*
केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि लाड़ली बहना योजना की जो राशि आपके खाते में आ रही है, वो खैरात नहीं है, बल्कि भाजपा का आपके प्रति सम्मान है, जिसे आप स्वीकार करें। कांग्रेस आपके सम्मान का अपमान कर रही है, जो बर्दाश्त करने लायक नहीं है। भाजपा का विचार सिर्फ विकास नहीं है, बल्कि विरासत के संरक्षण को साथ लेकर चलने के लिये भी भाजपा संकल्पित है। आमसभा में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में नागरिक व मातृशक्ति की उपस्थिति रहीं।
*कमलनाथ स्पष्ट करें, वे राम को क्या मानते हैं*
रायसेन जिले के उदयपुरा में पार्टी प्रत्याशी श्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल के समर्थन में रोड शो के बाद सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि कमलनाथ स्पष्ट करें कि वे राम को क्या मानते हैं। क्योंकि उनकी पार्टी कांग्रेस ने तो राम और रामसेतु दोनों के अस्तित्व को नकार चुकी है। समय बदला और देश के लाड़ले सपूत नरेंद्र मोदी जी देश के प्रधानमंत्री बने। जिसका परिणाम सबके सामने है कि अगली 22 जनवरी को राममंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे। केंद्रीय मंत्री श्री पटेल ने कहा कि यह जनता के एक वोट की ताकत का सकारात्मक परिणाम है। श्री पटेल ने कहा कि वोट देने के पहले विचार, विकास और व्यक्ति पर चिंतन-मनन करना अति आवश्यक है। झूठ, लालच और भ्रम में आने के बजाए सत्य, निष्ठा और नीयत पर ध्यान केन्द्रित करना होगा।
*भाजपा के पास प्रमाणित विकास, कांग्रेस सिर्फ हवाहवाई*
श्री पटेल ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केन्द्र और राज्य की सरकार के पास प्रमाणित विकास है, जबकि कांग्रेस के हवा हवाई बातें हैं और कुछ नहीं। वे जाति और संस्कृति के अपमान की तुष्टिकरण की राजनीति में उलझकर वोट हथियाना चाहते हैं। कांग्रेस की मंशा स्पष्ट है, जो सबको दिख रही है। महिला सशक्तिकरण, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और पीएम आवास योजनाएं महज योजनाएं या घोषणाएं नहीं हैं, बल्कि जमीनी तौर पर इनसे अंतिम व्यक्ति लाभांवित हुआ है।

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