निमोनिया के लक्षण होने पर स्वास्थ्य संस्था पर चैकअप अवश्य करायें – सिविल सर्जन

निमोनिया के लक्षण होने पर स्वास्थ्य संस्था पर चैकअप अवश्य करायें - सिविल सर्जन

सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र सिंह तोमर ने बताया है, कि सर्दी के मौसम में बच्चों में निमोनिया के केसेस ज्यादा पाए जाते हैं। निमोनिया फेफड़े का संक्रमण है, जिससे फेफड़ों में सूजन हो जाती है। निमोनिया होने पर बुखार, खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। तेज सांस चलना या छाती का धंसना निमोनिया के दो मुख्य चिन्ह है।

सिविल सर्जन डॉ. तोमर ने बताया कि बच्चों में सांस की गति का ठीक ढंग से आंकलन करके निमोनिया को प्रारंभिक अवस्था में ही पहचाना जा सकता है। इसके लिए बच्चों की श्वास को एक मिनट तक निरंतर देखा जाता है। दो माह तक की उम्र के बच्चों की सांस लेने की दर एक मिनट में 60 या उससे अधिक होने पर, 2 माह से एक वर्ष तक की आयु में 50 या उससे अधिक एवं 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों में प्रति मिनट 40 या उससे अधिक सांस की दर होने पर निमोनिया होने की संभावना रहती है।

निमोनिया से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण, छह माह तक सिर्फ स्तनपान और उसके बाद उचित पूरक आहार, विटामिन ए का सेवन, साबुन से हाथ धोना, घरेलू वायु प्रदूषण को कम करना आवश्यक है।

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