घाटीगांव जंगल में एक दर्जन झौंपड़िया व पत्थर से बनी दीवार को तोड़कर हटाया अवैध अतिक्रमण
ग्वालियर । घाटीगांव वन क्षेत्र में खाली पड़ी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले विशेष समाज के लोग और वन विभाग के अधिकारियों के बीच तू डाल-डाल मैं पात-पात वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। क्योंकि उत्तर घाटीगांव वन क्षेत्र में आरोन सब रेंज के अंतर्गत बीट पन्नाझोरा जिसका कक्ष क्रमांक 278 में बार बार लोग अतिक्रमण करने के उद्देश्य से झौंपड़ी बना लेते हैं। हालांकि समय समय पर वन अधिकारियों के द्वारा अतिक्रमणकारियों को समझाईश देकर झौंपड़िया नष्ट की गई हैं। इस तरह की बेदखली की कार्यवाही शुक्रवार को इसी जगह फिर से की गई। इस दौरान घाटीगांव पुलिस का भी सहयोग लिया गया। साथ ही शुक्रवार को घाटीगांव के पास में इसी वन परिक्षेत्र के अंतर्गत बीट मानपाटन सेकेंड में भी भूमाफिओं ने अतिक्रमण कर रखा था जिसे भी हटा कर जेसीबी मशीन से सीपीटी आदि खुदवाई गई। इसके अलावा फिर से कोई असामाजिक तत्वों के द्वारा अतिक्रमण करने का प्रयास नहीं किया जाये। इसे ध्यान में रखकर जंगली प्रजाति के बीजों को छिड़काव कराया गया। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर वन मंडल अधिकारी डॉ. अंकित पाण्डेय के निर्देशन और एसडीओ मनोज कुमार के मार्ग दर्शन में उत्तर घाटीगांव वन परिक्षेत्र अधिकारी दीपांश शर्मा ने अपने रेंज में पदस्थ दल बल को साथ लेकर अन्य वन परिक्षेत्रों के स्टाफ और पुलिस के सहयोग से दो स्थानों पर अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।
रेंजर श्री शर्मा ने आरोन सब रेंज प्रभारी लक्ष्मी नारायण शर्मा, मनीष शर्मा, राम निवास किरार, शैलेश शर्मा, रावेन्द्र तिवारी, रामपाल कुशवाह एवं भट्टपुरा चौकी प्रभारी देवेन्द्र सिसौदिया सहित अन्य चौकियों का स्टाफ एवं मोहना रेंज से राधा कृष्ण रावत, शिवम गुप्ता सहित अन्य दलबल ने संयुक्त रूप से मिलकर जंगल क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया।
उल्लेखनीय है कि बीट पन्नाझोरा कक्ष क्रं. 278 में छह माह के दौरान तीसरी बार अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। जानकारी के अनुसार विशेष जनजाति की महिलाओं ने झोंपड़िया बनाकर इस क्षेत्र में कब्जा करने का प्रयास शुरू कर दिया था। उन्हें हर बार समझाईश देकर हटाया गया लेकिन फिर से अवैध कब्जा करते हुए झौंपड़ियां बना ली गई थीं। शुक्रवार को इस क्षेत्र से एक दर्जन झौंपड़िया तोड़कर नष्ट की गईं। इसके बाद बीट मानपाटन सेकेंड में अतिक्रमण कारियों द्वारा बनाई गई पत्थर की बाउण्ड्री को दो दर्जन से अधिक मैदानी वन अमले ने एक संयुक्त कार्यवाही में तोड़ा गया।