सरकार का बड़ा कदम “चक्षु पोर्टल”, साइबर ठगों की पहचान कर सतर्क रहें

सरकार का बड़ा कदम "चक्षु पोर्टल", साइबर ठगों की पहचान कर सतर्क रहें

सरकार ने साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों रोकने का बंदोबस्‍त कर लिया है। इसके लिए उसने दो प्‍लेटफॉर्म शुरू किए हैं। ये साइबर फ्रॉड की रिपोर्टिंग को आसान बनाएंगे। इनमें से एक प्लेटफॉर्म का नाम चक्षु है। वहीं, दूसरे का डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म। इन्‍हें सोमवार को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने लॉन्‍च किया। अगर आप भी किसी भी तरह का संदिग्ध फ्रॉड कॉल या फ्रॉड मैसेज आता है, तो आप उस नंबर की शिकायत संचार साथी पोर्टल पर जाकर कर सकते हैं। व्हाॅट्सएप पर भी आने वाले कॉल/मैसेज की शिकायत की जा सकती है।

यूजर्स के रिपोर्ट करते ही पुलिस, बैंक जैसी एजेंसियां सक्रिय हो जाएंगी और कुछ घंटों में कार्रवाई की जा सकती है। चक्षु पोर्टल पर किसी नंबर से फ्रॉड होने की आशंका की जानकारी देने पर उसकी पूरी पड़ताल के बाद ही उस नंबर को ब्लाक किया जाएगा।
शिकायतकर्ता की कोई जानकारी किसी भी साझा नहीं की जाएगी। साइबर अपराध व जालसाजी रोकने के लिए नौ माह पहले संचार साथी पोर्टल लांच किया गया था। इस पोर्टल पर की गई शिकायत की मदद से 59 लाख कनेक्शन अब तक काटे जा चुके हैं।

बैंक और IRCTC जैसी एजेंसी की तरफ से धोखाधड़ी की आशंका को लेकर जाहिर किए गए चार लाख कनेक्शन काटे गए हैं। 10 लाख से अधिक बैंक खाते व पेमेंट वैलेट को फ्रिज किया गया है। इन कार्रवाई की मदद से नागरिकों के 1000 करोड़ रुपए जालसाजी में डूबने से बचाए गए हैं।

आइए जानें कैसे कैसे करें शिकायत?

  • सबसे पहले संचार साथी के पोर्टल https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर जाएं।
  • Medium of Suspected Fraud Communication में सबसे पहले आपको Call/SMS/WhatsApp में से जिस माध्यम से संपर्क किया जा रहा है उसका चयन करें।
  • Select Suspected Fraud Communication Category में किस कैटेगरी के फ्रॉड की कोशिश की जा रही है उसे बताएं।
    Attach a screenshot में प्रमाण के लिए स्क्रीनशॉट अटैच करें।
  • Date and Time of the suspected fraud communication में कॉल/मैसेज की डेट और टाइमिंग दर्ज़ करें।
  • फिर Enter complaint details में अपनी शिकायत को विस्तार से 500 शब्दों में दर्ज करें।
  • Personal details में अपना नाम, नंबर और डिटेल संबंधी जानकारी भरे।
  • फिर OTP के जरिए वेरिफिकेशन करें और आपकी शिकायत दर्ज हो जाएगी।
  • जैसे ही आपको फ्रॉड कॉल या मैसेज आए आप उस मोबाइल नबर, मैसेज या लिंक की शिकायत करें।
  • शिकायत मिलने पर नंबर की जांच की जाएगी और जांच करके नंबर को दूरसंचार विभाग को भेजा जाएगा. इसकी जांच डाटा इंटेलिजेंस यूनिट करेगी।
  • संदिग्ध नंबर नंबर किसके नाम पर है, नंबर कहां पर एक्टिव है और कितने दिनों से एक्टिव है इसकी जांच होगी।
  • उस नंबर के इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल्स की भी जांच होगी और कुछ भी संदिग्ध पाया जाता है तो उस नंबर की आउटगोइंग कॉल बंद कर दी जाएगी।
  • अगर नंबर साइबर अपराध हब से जुड़ा हुआ है तो नंबर तुरंत डीएक्टिवेट होगा। वो नंबर जिस किसी भी का होगा उसे अपनी आइडेंटिटी बताने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद नंबर की जानकारी गृह मंत्रालय को भी भेज दी जाएगी।

डिजीटल मीडिया के दौर में साइबर क्राइम होना आम बात हो गई है, आज कल हर दूसरे दिन कोई न कोई इसका शिकार होता है। इंटरनेट के माध्यम से लोगों को नौकरी, गिफ्ट, ऑफर का झांसा देकर लूटा जा रहा हैं, इतना ही नहीं अब तो ट्रेडिंग के नाम पर भी फ्रॉड किया जा रहा हैं। इसलिए सतर्क रहें और जरूरत पड़ने पर साइबर अपराध की जानकारी संचार साथी के पोर्टल साझा करें।

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