चुनाव हार गये गणेश सिंह अब कर रहे सहयोगियों की छंटनी; सतना में राजनीतिक भविष्य की साख बचाना सबसे बडी चुनौती है
चुनाव हार गये गणेश सिंह अब कर रहे सहयोगियों की छंटनी; सतना में राजनीतिक भविष्य की साख बचाना सबसे बडी चुनौती है

भेपाल। विधानसभा चुनाव में सतना सीट से हारे सांसद गणेश सिंह पर अब भारी पडने लगी है। इस चिंता से खुद का उबारनेके लिए सांसद गणेश सिंह ने अब अपने करीबियों में वफादार की तलाश शुरू कर दिए हैं और जिन पर भरोसा नहीं है उन्हें अब दूर करने लगे हैं। सांसद की नाराजगी की पहली गाज तीन लोगों पर गिरी है । इन्ही कवायदों के बीच सतना सांसद गणेश सिंह ने छंटनी शुरू कर दी है।
उन्होंने सबसे पहले दो सांसद प्रतिनिधियों पूर्व पार्षद नीरज शुक्ला और मैहर मंडी के पूर्व अध्यक्ष संजय राय को पद से हटा दिया है।यह मामला यहीं नहीं रूका तो वे अपने तीसरे नजदीकी रहे व्यापारी नेता हरिओम गुप्ता को दूरसंचार सलाहकार समिति के सदस्य पद से हटाने की सिफारिश भी कर दी है। पूर्व पार्षद नीरज शुक्ला के इस बार नगर निगम न पहुंच पाने को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष ही सांसद गणेश सिंह ने शुक्ला को नगर निगम में सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया था। राय को भी आयुष्मान तथा स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण योजना के लिए सांसद प्रतिनिधि बनाया गया था।
सांसद के पारिवारिक सूत्रों की माने तो नीरज शुक्ला को सांसद का करीबी माना जाता रहा है लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में वे पार्टी और सांसद की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे। पार्टी और प्रत्याशी को उनका साथ नहीं मिल पाया लिहाजा सांसद ने पद छीन लिया। मैहर में सांसद के बेहद करीबियों में शुमार रहे संजय राय तो बदलाव की बयार के फेर में पड़ कर ऐसा बहे कि उन्होंने चुनावी दौर में भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ ही पकड़ लिया। नतीजतन सांसद ने उन्हें भी पद मुक्त कर दिया।
गुप्ता को चुनाव लडना भारी पड़ा
उधर,दूरसंचार सलाहकार समिति के सदस्य रहे व्यापारी नेता हरिओम गुप्ता को भी सांसद के मुकाबले नारायण त्रिपाठी की विन्ध्य जनता पार्टी वीजेपी से चुनाव मैदान में कूदना महंगा पड़ा है। चुनाव में हरिओम गुप्ता को महज 1644 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। अब सांसद ने उन्हें टीएसी से हटाने की सिफारिश भी कर दी।
गणेश , कांग्रेस के कुशवाहा से हुए हैं पराजित
बता दें कि सतना विधानसभा सीट पर हुए बेहद नजदीकी चुनावी मुकाबले में सतना सांसद गणेश सिंह को कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा के हाथों 4041 मतों से हार का सामना करना पड़ा है। बीते ढाई दशक में सांसद की यह पहली पराजय है। यह तय माना जा रहा था कि गणेश सिंह सतना सीट से चुनाव जीतने और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर किसी महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री बनेंगे लेकिन भाजपाइयों के भितरघात ने भी इन संभावनाओं पर पानी फेरने में कसर नहीं छोड़ी।