अरुण यादव के खंडवा आते ही फ्रंटलाइन बदल जाती है?
खंडवा। मध्यप्रदेश में कांग्रेस सत्ता के करीब है। अरुण यादव लंबे समय बाद खंडवा पहुंचे। वे प्रदेशभर में चुनाव प्रचार के कारण खंडवा को कम समय दे पाए थे। उनके आने पर ऐसे चेहरे भी नजर आए, जो चुनाव के वक्त नहीं या कम ही दिख रहे थे।
फिलहाल चुनाव का परिणाम ईवीएम में बंद हैं। परिणाम आने पर अलग तरह से समीक्षा होगी। फिर भी कांग्रेसी अभी से गुटीय दलदल के कारण हार और जीत के कयास लगाकर पैतरों में जुट गए हैं।
ऐसा क्यों होता है?
निमाड़ की राजनीति भी खुलकर इस तरह के रंग दिखा रही है। कमलनाथ या दिग्विजय आते हैं, तो अलग और विशेष चेहरे ही दिखते हैं। अरुण यादव के वक्त भी ऐसा ही हुआ। उनके खास कहे जाने वाले समर्थक ही नजर आए। इसी खासियत या कहें गुटबाजी के कारण ही खंडवा जिले में कांग्रेस पीछे रही है। क्योंकि मुख्य पात्र के आते ही पीछे के भीड़ वाले चेहरे बदल जाते हैं।
यह राजनीति भी हुई
बहरहाल जो कुछ चुनाव के समय हुआ। उसकी रिपोर्ट हाईकमान को प्रत्याशी पहले ही दे चुके हैं। इस पर कई कांग्रेसियों ने एतराज भी जताया। अरुण यादव से बंद कमरे में ऐसे बर्ताव की शिकायत भी की गई। उनके पहुंचने पर उनके समर्थक में उत्साह भी था। अरुण यादव ने साफ कहा कि मध्यप्रदेश में हम 150 सीटें जीत रहे हैं। खंडवा की बात पर उन्होंने कहा यह जिला भी अच्छा प्रदर्शन करेगा। वक्त आने दीजिए।
मजदूर किसानों को बीजेपी ने धोखा दिया
अरुण यादव ने कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व वाली तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने 27 लाख किसानों के कृषि कर्ज माफ कर दिए, लेकिन उस सरकार को गिराकर बीजेपी ने मजदूरों, किसानों, छोटे व्यापारियों और बेरोजगारों को धोखा दिया। निमाड़ मालवा में भी कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने राज्य के विकास और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के भाजपा के दावों को गलत बताया।
ये नेता पहुंचे
यादव के साथ जिला कांग्रेस अध्यक्ष अजय ओझा, सुनील सकरगाये, ओंकार पटेल, इंदल सिंह पंवार, श्याम यादव, सुनील आर्य, रामपाल सिंह, सदाशिव भवरिया, अम्बरेश पांडे, विकास व्यास, अर्ष पाठक, आलोक सिंह रावत, गुलशन अरोरा, आशाराम ठाकुर,देवेंद्र जैन, हेमलता पालीवाल,नानकराम बड़वाहे, निर्मल गीते,विनोद यादव, मुकेश नागोरी, जिला कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमांशु जैन सहित कांग्रेसजन मौजूद थे।