भयभीत कार्यकर्ता दिन रात ईवीएम की कर रहे निगरानी; बीते चुनाव 2018 में भी कर चुके हैं इस प्रकार की देखरेख्
भयभीत कार्यकर्ता दिन रात ईवीएम की कर रहे निगरानी; बीते चुनाव 2018 में भी कर चुके हैं इस प्रकार की देखरेख्
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का मतदान हो जाने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन स्ट्रॉन्ग रूम्स में रखी गई हैं। गौर करने वाली बात यह है कि दलों के कार्यकर्ता अब उन मशीनों की निगरानी कर रहे हैं। मजेदार बात यह है कि बीते चुनाव 2018 में भी इस प्रकार की देख्रेख् की गई थी। तब कांग्रेस की सरकार बनी थी। देखने में यह आ रहा है कि जहां जहां भी ईवीएम जमा है वहां
कार्यकर्ताओं ने कंबलऔर चादर लेकर दिन रात डटे हैं। इन जिलों में हो रही कडक निगरानी
मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि प्रदेश के अध्किांश जिलों में निगरारनी की जारही है। जिन प्रमुख जिलों में हो रही वे इस प्रकार हैं कि – बड़वानी, मंडला और मंदसौर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिन रात एक कर दिया है। बड़वानी में चारों विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस कार्यकर्ता एकलव्य विद्यालय परिसर में बने स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर टेंट लगाकर पहरा दे रहे हैं। उन्होंने टेंट में लंबा बिस्तर और पंखा लगा रखा है। चार लोग दो-दो की शिफ्ट में बारी-बारी से रहकर देखरेख कर रहे हैं। इसके लिए जिला निर्वाचन कार्यालय से अनुमति ली गई है।
चंबल में भी वही हाल
बता दें कि चंबल संभाग की भिंड की अटेर विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी व सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया ने बूथ कैप्चरिंग की शिकायत की है। उनका कहना है कि अटेर क्षेत्र के 8 बूथों पर गड़बड़ी हुई है। इन पर री-पोलिंग कराई जानी चाहिए। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे ने कहा, ‘भदौरिया को समझ आ गया है कि वे बुरी तरह चुनाव हार रहे हैं। अब वे री-पोलिंग कराकर चुनाव को प्रभावित करना चाह रहे हैं।