राम मंदिर पर भाजपा या संघ का पटटा नहीं; पूर्व सीएम कमलनाथ बोले 22 के बाद जाउंगा अयोध्या
राम मंदिर पर भाजपा या संघ का पटटा नहीं; पूर्व सीएम कमलनाथ बोले 22 के बाद जाउंगा अयोध्या

भोपाल। पूरे विश्व में इन दिनों भगवान राम के जन्म नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जबरदस्त धूम मची है। चारो ओर खुशियां और उत्साह का माहौल है। इस बीच अयोध्या को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। अयोध्या में श्री रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने अयोध्या को लेकर कहा है कि वे 22 जनवरी के बाद जायेंगे।
कमलनाथ ने मंगलवार को छिंदवाड़ा में कहा- मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है। सरकार भाजपा की है, इसलिए बनवाने की जिम्मेदारी उसी की है।उन्होंने कहा कि भाजपा के पास राम मंदिर का पट्टा नहीं है।
इस मामले में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शंकराचार्यों के बदले नेताओं की उपस्थिति पर सवाल उठाया है। शंकराचार्यों के निमंत्रण ठुकराने पर उन्होंने X पर लिखा, ‘क्या सनातन धर्म का पालन करने वाले हमारे धर्म गुरु शंकराचार्य हैं या विश्व हिंदु परिषद या कि भाजपा। सोचकर बताइए।
कमलनाथ बोले- 22 जनवरी के बाद अयोध्या जाऊंगा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मंगलवार को विधानसभा चुनाव जीतने के बाद पहली बार छिंदवाड़ा पहुंचे। एयर स्ट्रिप पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘राम मंदिर सभी का है। पूरे देश का है। राम मंदिर पर सभी का अधिकार है।’ अयोध्या जाने के सवाल पर बोले, ’22 जनवरी को तो नहीं, लेकिन बाद में जाऊंगा।’ छिंदवाड़ा में कांग्रेस राम उत्सव मना रही है। कांग्रेस की ओर से राम नाम पत्र का वितरण किया जा रहा है।
नरसिम्हा राव राम मंदिर निर्माण ‘रामालय न्यास’ के जरिए कराना चाहते थे
दिग्विजय ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ‘राम मंदिर निर्माण में किसी को कोई एतराज नहीं था। पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव यह कार्य सभी मान्यता प्राप्त शंकराचार्य जी द्वारा ‘रामालय न्यास’ के माध्यम से कराना चाहते थे, न कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा। विहिप , राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संगठन है और इसका राजनीतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी है। क्या सनातन धर्म को पालन करने वाले हमारे धर्म गुरु शंकराचार्य हैं या अन्य कोई संस्थान ।