केंद्र सरकार से नाराज़ किसान सड़क पर उतरे, कहा एमएसपी की कानूनी गारंटी पूरी करें

केंद्र सरकार से नाराज़ किसान सड़क पर उतरे, कहा एमएसपी की कानूनी गारंटी पूरी करें

अपनी मांगों पूरा करवाने के लिए सड़क पर उतरे किसान। संयुक्त किसान मोर्चा की मुख्य गिरोहबंदी बीकेयू उगराहां, क्रांतिकारी किसान यूनियन और बीकेयू डकौंदा (धनेर) ने मंगलवार को पटियाला के पुड्डा ग्राउंड में एक विशाल रैली की। पंजाब और हरियाणा को छोड़कर देश के बाकी राज्यों के किसान आज यानी छह मार्च को दिल्ली कूच करेंगे। वहीं 10 मार्च को देशभर में ट्रेन रोको आंदोलन का किसानों ने ऐलान किया है। 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान महापंचायत का आयोजन होगा।

संयुक्त किसान मोर्चा ने मंगलवार को पटियाला के पुड्डा ग्राउंड में एक विशाल रैली की गई, इस मौके पर बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए एमएसपी की कानूनी गारंटी समेत बाकी सभी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की। मांगों के पूरा न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी गई। केन्द्र उधर, किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि आज यानी छह मार्च को पूरे भारत के किसान दिल्ली के जंतर-मंतर की ओर शांतिपूर्वक मार्च करेगें।

क्यों सड़क पर उतरे किसान? संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने घोषणा की है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 200 से अधिक कृषि संघ 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च करेंगे। (एमएसपी) फसलों के लिए ।

अपको बता दे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी किसानों को दी जाने वाले एक गारंटी की तरह होती है, जिसमें तय किया जाता है कि बाजार में किसानों की फसल किस दाम पर बिकेगी। दरअसल, फसल की बुआई के दौरान ही फसलों की कीमत तय कर दी जाती है और यह तय कीमत से कम में बाजारों में नहीं बिकती है। अन्य मांगों में गन्ने की बेहतर कीमतें , 60 साल से अधिक उम्र के प्रत्येक किसान को 10,000 रुपये प्रति माह की पेंशन, लखीमपुर खीरी घटना के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और “शहीदों” के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन देना शामिल है।

कृषक की आर्थिक हालत दिन प्रति दिन कमजोर हो रही है और वो कर्ज के मकड़ जाल में फंस रहा क्यों की मौजूद दौर में कृषि में लागत बढ़ रही है आमदनी घट रही है जिस कारण से किसानो में आत्म हत्या की घटनाए बढ़ रही है।

किसान नेता डॉ दर्शन पाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसानों की मानी गईं मांगों को तुरंत लागू किया जाए। इनमें एमएसपी की कानूनी गारंटी व खरीद, किसान-मजदूरों की कर्जामुक्ति, लखीमपुर खीरी कांड के आरोपियों को सख्त सजा देने, किसानों पर दर्ज केस वापस लेना शामिल है। रैली के मंच से संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली किसान महापंचायत में भारी संख्या में शामिल होने की घोषणा की गई। इस मौके पर किसानों ने जुलूस की शक्ल में त्रिपड़ी बाजार से डीसी आफिस तक रोष प्रदर्शन निकाला।

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