चुनाव और त्‍योहार बीते लेकिन दफ्तरों में अभी भी सन्नाटा पसरा; सोमवार से शुरू होना था विधिवत काम धाम

चुनाव और त्‍योहार बीते लेकिन दफ्तरों में अभी भी सन्नाटा पसरा; सोमवार से शुरू होना था विधिवत काम धाम

भोपाल। चुनावी समय में लंबी आदर्श आचार संहिता और लगातार त्‍योहार होने के कारण मंत्रालय में काम काज प्रभावित रहा। इसके चलते अनेक आवश्‍यक कार्य नहीं हो पाये। लेकिन ऐसा माना जा रहा था कि सोमवार से एक बार फिर कामधाम मतदान के बाद सोमवार को मंत्रालय और डायरेक्ट्रेट के दफ्तरों में अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति बढ़ी तो है।माना जा रहा है कि पिछले एक माह से जो सन्नाटे का माहौल सभी दफ्तरों में बन रहा था उसकी अपेक्षा आज अधिक कर्मचारी पहुंचे। कई अधिकारियों का कहना है कि अब धीऱे-धीरे फाइलों के मूवमेंट बढ़ने लगेगें। कई विभागों के प्रमुख सचिव और सचिव स्तर के अधिकारी भी आज मंत्रालय में मौजूद हैं।

आचार संहिता के कारण रूकी थी फाइलें
बता दें कि प्रदेश में 9 अक्टूबर के बाद चुनाव आचार संहिता लगने पर प्रमुख सचिव, सचिव और विभागाध्यक्ष कैडर के अफसरों ने फाइलों का मूवमेंट रोक दिया था। अब जबकि मतदान हो गया है और वोटिंग के बाद पहले दिन दफ्तर खुले हैं तो पूर्व की अपेक्षा राजस्व, पंचायत और ग्रामीण विकास, वाणिज्यक कर, गृह, वित्त समेत अन्य विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों की उपस्थिति आज अधिक रही। हालांकि, कई जिम्मेदारी अधिकारी आज भी दफ्तर नहीं पहुंचे। यही स्थिति विन्ध्याचल और सतपुड़ा भवन में लगने वाले दफ्तरों में भी देखने को मिली है।

चुनाव परिणामों पर अधिक कयासबाजी
मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालयों में पहुंचे अधिकारी कर्मचारी सोमवार को अलग-अलग बैठकों में मतदान के बाद चुनाव परिणामों पर चर्चा में ही मशगूल रहे। मतदान के मत प्रतिशत की जानकारी के आधार पर कयास लगाए जाते रहे कि किस पार्टी की सरकार बन सकती है। इन चर्चाओं में लाड़ली बहना योजना, ओल्ड पेंशन समेत अन्य मुद्दों पर रिजल्ट के कयास लगाए जाते रहे।

जनसुनवाई को लेकर कवायद
प्रदेश के जिलों में बंद हुई जनसुनवाई को लेकर भी कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए आयोग से सहमति लेकर जीएडी जल्द ही जनसुनवाई शुरू करने का आदेश जारी कर सकता है।वरिष्ठ अफसरों का भी मानना है कि जनसुनवाई बंद होने से शहरी और ग्रामीण इलाकों के नागरिकों की समस्याओं पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। पेंशन और मूलभूत सेवाओं से संबंधित नागरिक सेवाओं पर भी काम शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही समाधान केंद्रों से मिलने वाली सेवाओं को लेकर भी कसावट की स्थिति बन सकती है।

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