कनाडा से विवाद के बाद भी भारत को पोटाश आपूर्ति का भरोसा
कनाडा से विवाद के बाद भी भारत को पोटाश आपूर्ति का भरोसा

नई दिल्ली। प्रमुख फसल पोषक तत्वों के आपूर्तिकर्ताओं में से एक कनाडा के साथ राजनयिक विवाद के बावजूद भारत को विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से पोटाश हासिल करने में थोड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। उद्योग विभाग से जुड़े अधिकारियों ने कहा कि कनाडा से पोटाश की आपूर्ति स्थिर रही है।
दरअसल, जून में ब्रिटिश कोलंबिया के कनाडाई प्रांत में एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या के विवाद में नई दिल्ली और ओटावा द्वारा एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित करने के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध तेजी से बिगड़ गए। बिगड़ते संबंधों ने कनाडा से पोटाश की आपूर्ति पर चिंता बढ़ा दी है। भारत अपने विशाल कृषि क्षेत्र के लिए उर्वरकों का एक प्रमुख आयातक है, जो अपने 1.4 बिलियन लोगों में से लगभग आधे को रोजगार देता है और 3 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लगभग 15% हिस्सा है। हालांकि, कनाडा से आपूर्ति स्थिर है, भारत किसी एक देश पर पोटाश पर निर्भर नहीं है।
एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, क्योंकि वह मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं था। उन्होंने कहा, दुनिया के पास भारत और ऐसे अन्य आयातकों को देने के लिए बहुत सारा पोटाश है और भारत के पास वैश्विक पोटाश आपूर्तिकर्ताओं की एक विविध सूची भी है। फसलों को खाद देने के लिए, भारत अपनी पूरी वार्षिक खपत 4 मिलियन से 5 मिलियन टन पोटाश के आयात पर निर्भर करता है, और इसका एक तिहाई हिस्सा वह बेलारूस और रूस से भेजता है। इज़राइल और जॉर्डन भारत को पोटाश के अन्य महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता हैं।