दिल्ली एलजी का भ्रष्टाचार के आरोपी मुख्य सचिव को हटाने से इनकार कहा- जांच रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित
नई दिल्ली। द्वारका एक्सप्रेस-वे में हुए कथित घोटाले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को हटाने की सिफारिश की थी। इस पर एलजी विनय कुमार सक्सेना ने रविवार को विचार करने से इनकार कर दिया। केजरीवाल ने 15 नवंबर को एलजी विनय कुमार सक्सेना को चिट्ठी लिखकर कुमार पर 897 करोड़ के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। 19 नवंबर को एलजी सक्सेना ने इस रिपोर्ट को पुरानी धारणाओं और अनुमानों पर आधारित बताते हुए इस पर विचार करने से मना कर दिया।
दरअसल, दिल्ली में बने द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमितताओं की शिकायत पर दिल्ली की विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी ने जांच करवाई थी। आतिशी ने बताया कि नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनियों को 897 करोड़ का फायदा पहुंचाया है।
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि मुझे सीएम की ओर से विजिलेंस मिनिस्टर की रिपोर्ट बंद लिफाफे में मिली थी, लेकिन ये तो पहले से ही पब्लिक डोमेन में मौजूद है और इसकी डिजिटल कॉपियां सभी के पास हैं। मीडिया इस पर कई खबरें कर चुका है। सक्सेना ने कहा- शुरुआती तौर पर ऐसा लगता है कि इस जांच का मुख्य मकसद सच्चाई जानना नहीं था, बल्कि इसका मीडिया ट्रायल करना, लोगों के बीच धारणा बनाना और अदालतों को गुमराह करना है। साथ ही इस मामले पर राजनीति करना भी है।
सीएम ने बुधवार को एलजी सक्सेना को लेटर लिखकर नरेश कुमार को पद से हटाने की सिफारिश की थी। केजरीवाल ने कहा कि उन्हें नरेश कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। 11 नवंबर को मामले की जांच के आदेश दिए गए थे। विजिलेंस मिनिस्टर आतिशी ने 3 दिनों में जांच करवाकर 14 नवंबर को रिपोर्ट केजरीवाल को सौंपी।