दिल्ली हॉस्पिटल का पहला हैंड् ट्रांसप्लांट, सफल सर्जरी कर युवक को नव-जीवन दिया

दिल्ली हॉस्पिटल का पहला हैंड् ट्रांसप्लांट, सफल सर्जरी कर युवक को नव-जीवन दिया

अभी तक हमने हार्ट, किडनी, लीवर जैसे ट्रांसप्लांट तो सुने थे लेकिन हैंड् ट्रांसप्लांट के बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा। दिल्ली के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया। इसलिए डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में डॉक्टरों के करिश्मे से एक शख्स को नई जिंदगी मिल गई है। ट्रेन हादसे में दोनों हाथ गंवाने वाले व्यक्ति को फिर से दोनों हाथ मिल गए हैं। हाथ ट्रांसप्लांट हो जाने पर लगभग छह सप्ताह अस्पताल में बिताने के बाद शख्स को गुरुवार को अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

पेसेंट का नाम राजकुमार हैं, राजकुमार दिल्ली के नांगलोई के रहने वाले हैं और पेशे से वह एक पेंटर हैं। वह अपनी साइकिल पर अपने घर के पास रेलवे ट्रैक पार कर रहे थे, इसी बीच वह ट्रैक पर गिर गए और ट्रेन के नीचे आ गए। इस हादसे में उनके दोनों हाथ चले गए थे। इसके बाद राज कुमार अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए।

राजकुमार का हाथ वापस लाने का एकमात्र विकल्प या तो प्रोस्थेटिक्स का उपयोग या हाथ ट्रांसप्लांट था। हालांकि, उस समय उत्तर भारत के किसी भी अस्पताल में हाथ ट्रांसप्लांट करने की अनुमति नहीं थी। एक सीनियर डॉक्टर ने कहा कि हम लोग हाथ ट्रांसप्लांट के लिए कैंडिडेट की तलाश कर ही रहे थे कि जनवरी के तीसरे हफ्ते में राजकुमार के लिए एक उम्मीद की किरण जगी, जब दिल्ली के एक स्कूल की रिटायर्ड वाइस-प्रिंसिपल के परिवार के सदस्यों ने उनकी मृत्यु के बाद उनके अंग दान करने की इच्छा व्यक्त की। 19 जनवरी को डॉक्टरों की सर्जरी इसके बाद डॉक्टरों ने कमाल करते हुए सर्जरी करके 19 जनवरी को रिटायर्ड वाइस-प्रिंसिपल के हाथों को राजकुमार के हाथों में ट्रांसप्लांट किया गया। डॉक्टरों के इस करिश्मे से पेंटर राजकुमार को फिर से एक नई जिंदगी मिल गई है।

Back to top button