बलात्का र करने वाले आरोपी को हुई 20 वर्ष की सजा
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संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी श्री मनोज त्रिपाठी , भोपाल ने बताया कि आज दिनांक 02/09/2023 माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो (19वे अपर सत्र न्यायाधीश) श्रीमती रश्मि मिश्रा, के द्वारा नाबालिक बच्ची से दुष्कृत्य करने वाले आरोपी नरेन्द्र लोधी को धारा 363,366 506 भादवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में दोष सिद्ध पाते हुये आरोपी को धारा 363 भादवि में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड, धारा 506 भादवि में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये जुर्माना एवं धारा 5एल/6 पॉक्सों एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000 रू अर्थदण्ड का निर्णय पारित किया है । उक्त प्रकरण (चिन्हित प्रकरण ) में शासन द्वारा की ओर से विशेष लोक अभियोजक श्रीमती दीप्ति पटेल एवं श्रीमती वर्षा कटारे द्वारा पैरवी की गई है।
घटना का संक्षिप्त0 विवरण :-
दिनांक 22.07.2021 को अभियोक्त्री की माता द्वारा आरक्षी केन्द्र अशोका गार्डन में उपस्थित होकर लिखित आवेदन इस आशय का पेश किया कि वह सिलपिन फैक्टरी में कारपेंटर एवं गार्ड की नौकरी करती है एवं वे लोग सिलपिन फैक्टरी में निवास करते हैं। उक्त फैक्टरी में तीन-चार साल से अभियुक्त नरेन्द्र लोधी भी काम करता है जो उसकी 16 वर्षीय पुत्री अभियोक्त्री से बात करता हैं। उसने अभियुक्त को अभियोक्त्री से बात करने से मना किया तो अभियुक्त ने कहा कि अभियोक्त्री उसकी बहन जैसी हैं। दिनांक 21.07.2021 को अभियोक्त्री ने पेट दर्द की शिकायत की और डरते-डरते उसने बताया कि अभियुक्त नरेन्द्र कोंचिग जाते समय उसका पीछा करता था तथा उसे बहला-फुसलाकर घुमाने के लिए लेकर जाता था। जब वह उसके साथ नही जाती थी तब वह बोलता था कि उसके घर वालों को बता देगा कि वह कोंचिग नही जाती है इसी डर के कारण वह नरेन्द्र लोधी के साथ घुमने चली जाती थी। दिनांक 01.06.2021 को लगभग 11 बजे आरोपी नरेन्द्र अभियोक्त्री को बहला-फुसलाकर घुमाने के लिए भानपुर बायपास के पास एक नये बन रहे होटल में ले गया जहां अभियुक्त ने अभियोक्त्री के साथ गलत काम (बलात्कार) किया। दो माह पहले भी अभियुक्त अभियोक्त्री को उक्त होटल में लेकर गया था और तब भी अभियुक्त द्वारा अभियोक्त्री के साथ गलत काम किया था। अभियोक्त्री ने डर के कारण किसी को नही बताया था। इस प्रकार अभियुक्त द्वारा अभियोक्त्री के साथ दो बार गलत काम किया गया। फरियादी की उक्त रिपोर्ट से अभियुक्त के विरूद्ध अपराध क्रमांक 634/21 धारा 363, 376(3) भादवि एवं धारा 5 सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की प्रथम सूचना रिपोर्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पुलिस द्वारा विवेचना उपरान्त अभियोग पत्र माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया माननीय न्यायालय द्वारा अभियोजन के साक्ष्य, तर्काे एवं वैज्ञानिक परीक्षण के आधार पर आरोपी को दोषी पाते हुऐ आरोपी को धारा 363,366 506 भादवि एवं 5एल/6 पॉक्सो एक्ट में दोष सिद्ध पाते हुये आरोपी को धारा 363 भादवि में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये का अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 07 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदंड, धारा 506 भादवि में एक वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रूपये जुर्माना एवं धारा 5एल/6 पॉक्सों एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व 5,000 रू अर्थदण्ड से दंडित किया गया।