कच्चा तेल दो साल में 38% सस्ता, ग्राहकों को लाभ नहीं,
कच्चा तेल दो साल में 38% सस्ता, ग्राहकों को लाभ नहीं,
नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब दो साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। कंपनियों का अनुमान था कि 2023-24 में कुल सालाना 39,356 करोड़ का मुनाफा होगा। हालांकि, नौ माह में ही उससे ज्यादा लाभ कमा लिया है। तीन सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन 90% बाजार पर काबिज हैं।
कच्चा तेल पिछले दो साल में 38 प्रतिशत सस्ता हुआ है। बावजूद इसके खुदरा ग्राहकों को घरेलू बाजार में कोई राहत नहीं मिली है। तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस दौरान जस का तस रखकर चालू वित्त वर्ष के नौ माह में 69,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाई हैं। यह कंपनियां सस्ता कच्चा तेल खरीद कर महंगे भाव पर पेट्रोल और डीजल बेच रही हैं।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में करीब दो साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। कंपनियों का अनुमान था कि 2023-24 में कुल सालाना 39,356 करोड़ का मुनाफा होगा। हालांकि, नौ माह में ही उससे ज्यादा लाभ कमा लिया है। तीन सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन 90% बाजार पर काबिज हैं।
तीनों कंपनियों ने दो तिमाहियों (अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर) में रिकॉर्ड कमाई दर्ज की। इंडियन ऑयल ने 2021-22 के 9 माह में 24,184 करोड़ और 2020-21 के 9 माह में 21,836 करोड़ मुनाफा कमाया था।
भारी फायदे में पहुंची बीपीसीएल
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) को 2022-23 के नौ माह में 1,870 करोड़ और 2021-22 में 8,789 करोड़ लाभ हुआ था। एचपीसीएल को 2022-23 के नौ माह में 11,851 करोड़ और 2020-21 में 6,382 करोड़ का फायदा हुआ था।
दो साल के स्तर पर स्थिर हैं पेट्रोल और डीजल के दाम
सामग्री जून, 2022 फरवरी, 2024
कच्चा तेल भाव 120 डॉलर प्रति बैरल 77 डॉलर प्रति बैरल
पेट्रोल भाव 95 रुपये लीटर 95 रुपये लीटर
डीजल भाव 89 रुपये लीटर 89 रुपये लीटर
इंडियन ऑयल को सर्वाधिक मुनाफा
कंपनी अप्रैल-दिसंबर-2023 2022-23 में पूरे साल
इंडियन ऑयल 34,781 8,242 करोड़ रुपये
बीपीसीएल 22,449 4,608 (घाटा) करोड़
एचपीसीएल 11,851 6,382 करोड़ रुपये
17 रुपये का हो रहा था घाटा
तेल कंपनियों ने छह अप्रैल, 2022 से कीमतों को यथावत रखा है। उन्हें 24 जून, 2022 के समाप्त हफ्ते में पेट्रोल पर 17.40 रुपये और डीजल पर 27.70 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा था।