कांग्रेस – नेताप्रतिपक्ष के लिए शुरू हुई आदिवासी चेहरे की खोज

कांग्रेस – नेताप्रतिपक्ष के लिए शुरू हुई आदिवासी चेहरे की खोज

भोपाल। चुनावों में मिली पराजय के बाद कांग्रेस हाईकमान अब नये सिरे से नेतृत्‍व को लेकर सोचना शुरू कर दिया है। इसमें पीसीसी चीफ से लेकर नेताप्रतिपक्ष तक का विषय शामिल है।अब इसमें इस बात पर विचार चल रहा है कि आखिर यह कमान किसको सौंपी जाये। कमलनाथ का कार्यकाल फलदायी नहीं रहा। इससे बेहतर तो अरूण यादव का कार्यकाल रहा। तब कमलनाथ केंद्र से सीधे थोपे गये थे। मप्र में आकर कमलनाथ कुछ राजनीतिक चालाकियां तो दिखाई लेकिन सत्‍ता को स्‍थाई नहीं बना सके। नाथ और दिग्‍गी की जोडी भी अपने अनुभवों को जमीन पर नहीं उतार पायी।तब ऐसे में आगे क्‍या क्‍या रणनीति होगी इस वर विचार चल रहा है।

रणदीप सुरजेवाला भी केवल हवा हवाई ही साबित हुए। बोलते अच्‍छाा हैं लेकिन आज मप्र कांग्रेस को सबसे बडी जरूरत एक चाण्‍क्‍य की है जो आम आदमी में पैठ बना सके। यदि ऐसा कर पायी तो सत्‍ता तो आ ही जायेगी।
अभी कमलनाथ फिलहाल पीसीसी चीफ बने हुए हैं तो जरूरत नेता प्रतिपक्ष की है। यह पद क्‍या सामान्‍य को जायेगी या ओबीसी का मंत्र जप चुके राहुलगांधी किसी ओबीसी नेता यह पद सौंप कर बडा संदेश देना चाहेंगे। फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा है। क्‍या मजबूरी है यह राहुल गांधी जानें।

आदिवासी चेहरे पर विचार
मप्र कांग्रेस को अब आदिवासी चेहरे की तलाश शुरू हो गई है। सूत्र बता रहे हैं कि यदि पार्टी हाईकमान इस बात पर राजी हो जाते हैं तो ओमकार सिंह मरकाम, बालाबच्‍चन और उमंग सिंगार के नाम दौड में शामिल है। यदि तीन नामों पर विचार करें तो इनके परफार्म देखने होंगे। सवाल यह भी है कि आखिरकार नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस चेहरे को देखकर देगी या मेरिट को देखकर देगी । अभी तो सिर्फ इंतजार है।

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