मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने कलेक्टर के सख्त निर्देश

बिलासपुर। कलेक्टर अवनीश शरण ने मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए है। उन्होंने मध्यान्ह भोजन की खराब गुणवत्ता पर सभी बीईओ, बीआरसी, और संकुल प्रभारी को नोटिस दिया है। दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है। कलेक्टर ने कहा है कि समय-समय पर अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षण में मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं पाई गयी है। मेरे द्वारा भी किए गए निरीक्षण में यह बात सामने आई है। जारी नोटिस में कहा गया है कि मध्यान्ह भोजन योजना शासन की अत्यंत महत्वाकांक्षी एवं महत्वपूर्ण योजना है। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु संदर्भित पत्र एवं समय-समय पर शिक्षा विभाग के द्वारा प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजनांतर्गत (मध्याह्न भोजन) अंतर्गत निरीक्षण, क्रियान्वयन हेतु पत्र निर्देश जारी किये गये है। आप लोगों के द्वारा ना ही सतत निरीक्षण और ना ही प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जा रहा है। आपके द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के मांनीटरिंग सही ढंग से नही किया जा रहा है। आपका उक्त कृत्य गैर जिम्मेदराना होने के साथ ही साथ छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के वितरीत है। आपको निर्देशित किया जाता है कि 2 दिवस के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रतिवेदन सहित प्रस्तुत करें कि आपके विकासखंड अथवा विद्यालयों में मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता क्यों ठीक नहीं है।   
कलेक्टर ने पुन: एक बार निर्देश जारी करते हुए मध्याह्न भोजन के निधार्रित मेन्यू का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिए है इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जारी निर्देशों के अनुसार प्रतिदिन मध्याह्न भोजन बनाने के बाद तथा बच्चों के भोजन करने के पूर्व अनिवार्यता सभी रसोईया, कुकिंग एजेंसी के एक प्रतिनिधि, प्रधान पाठक, शिक्षक द्वारा भोजन चखा जाये। मध्याह्न भोजन योजनांतर्गत शासन द्वारा निर्धारित मीनू का पालन करते हुए विद्यार्थियों की उपस्थिति अनुसार पर्याप्त मात्रा में भोजन तैयार कराया जाये। बच्चों को खाना कतार में आपसी दूरी बनाकर बिठाकर भोजन परोसा जाये। खाने योग्य गरम भोजन ही बच्चों को परोसा जाये। अत्याधिक गरम भोजन का पात्र बच्चों के पास न ले जाये। किचन के भीतर बच्चों को प्रवेश न दिया जाये। किचनशेड विहीन होने की स्थिति में खुले स्थान पर भोजन तैयार करते समय साफ एवं स्वच्छ स्थान का चुनाव कर चारो ओर से घेरा लगाकर भोजन बनाया जावें ताकि किसी प्रकार के जीव-जन्तु आसपास न आवें। योजना से सम्बद्ध किसी भी व्यक्ति या बच्चों को किसी भी प्रकार से दुर्घटना जैसे विषाक्त भोजन सेवन या स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार की हानि होने की स्थिति तत्काल निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में छात्र-छात्राओं के उपचार कराते हुये प्रधान पाठक अथवा शिक्षकों द्वारा उच्च अधिकारियों को उनके मोबाईल नंबर अथवा दूरभाष नं. पर तत्काल वस्तु स्थिति की सूचना दें। मध्याह्न भोजन का कार्य सम्पन्न होने के पश्चात चूल्हे के आग को पूर्ण रूप से बुझाया जाना है। प्रत्येक शालेय दिवस में उपस्थित समस्त छात्र-छात्राओं को योजना अंतर्गत गरम पका पौष्टिक भोजन दिया जाना है। किसी भी विषम परिस्थिति में मध्याह्न भोजन का संचालन बाधित नहीं होना चाहिये।

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