फरवरी के पहले हफ्ते में भाजपा जारी कर सकती है लोकसभा की पहली सूची; जिन सीटों पर कमजोर प्रदर्शन वो चिंता का कारण है

फरवरी के पहले हफ्ते में भाजपा जारी कर सकती है लोकसभा की पहली सूची; जिन सीटों पर कमजोर प्रदर्शन वो चिंता का कारण है

भोपाल। राज्‍य के चुनाव रणनीति की तर्ज्‍ पर भाजपा एक बार फिर से लोकसभा उम्‍मीदवारों की सूची सबसे पहले जारी करके सबको चौंका सकती है। बताया तो यही जा रहा है कि भाजपा फरवरी माह के पहले ही सप्‍ताह में पहली सूची जारी कर सकती है।

पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा इस बार के लोकसभा चुनाव में 11 सांसदों के टिकिट काट सकती है।सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि इस बार के चुनाव में पार्टी 16 नए चेहरों को मौका दे सकती है। भाजपा लोकसभा चुनाव में इस बार गाइडलाइन के तहत टिकट बांटने जा रही है। गाइडलाइन को फरवरी में होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति में इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

परफारमेंस ही होगा टिकिट का आधार –
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि जो नेता तीन या उससे ज्यादा बार सांसद रह चुके हैं, उन्हें इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही उन सांसदों का टिकट भी काटा जा सकता है, जिनका परफॉर्मेंस कमजोर है। अंदर के सूत्रों का दावा है कि उम्मीदवार के चयन के लिए जो क्राइटेरिया बनाया है, उसके मुताबिक पार्टी नेतृत्व मौजूदा 11 सांसदों का टिकट काट सकता है।

इनमें से पांच सांसद, विधायक बन चुके हैं। ऐसे में भाजपा 16 नए चेहरे मैदान में उतार सकती है। साथ ही विधानसभा चुनाव की तर्ज पर भाजपा लोकसभा चुनाव में भी प्रत्याशियों की पहली लिस्ट फरवरी में ही जारी कर सकती है। उन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का ऐलान हो सकता है, जो कमजोर है या फिर हारी हुई सीट है।

प्रदेश्‍ की 10 सीटों पर है कमजोर प्रदर्शन
सूत्रों का कहना है कि भाजपा की लोकसभा चुनाव को लेकर हुई बैठक में वे सीटें सबसे ज्यादा चर्चा के केंद्र में रहीं, जहां भाजपा का विधानसभा चुनाव में कमजोर प्रदर्शन रहा है। पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था। इनमें से 5 सीटों पर जीत मिली जबकि सतना सांसद गणेश सिंह और मंडला सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते चुनाव हार गए।

29 में से 10 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस से कम वोट मिले। इसमें से 5 सीटों को डेंजर जोन में रखा गया है। जबकि अन्य 5 सीटें मौजूदा सांसदों के लिए खतरे की घंटी हैं।

विधानसभा चुनाव में पार्टी का परफॉर्मेंस देखें तो आज की स्थिति में उसे चार लोकसभा सीटों का नुकसान हो रहा है। इनमें तीन पर भाजपा के मौजूदा सांसद हैं। एक कांग्रेस के पास है और एक पर भाजपा के नरेंद्र सिंह तोमर इस्तीफा दे चुके हैं। इसके अलावा पांच और सीटों पर भाजपा की बढ़त लोकसभा की तुलना में कम हुई हैं। ये सीटें ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और मालवा अंचल की हैं

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