भाजपा ने किसानों की उपज खदीने एमएसपी की घोषणा तो की, लेकिन खरीदा नहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रण्दीप सुरजेवाला ने किसानों के मामले उठाकर भाजपा को घेरा
भाजपा ने किसानों की उपज खदीने एमएसपी की घोषणा तो की, लेकिन खरीदा नहीं कांग्रेस प्रदेश प्रभारी रण्दीप सुरजेवाला ने किसानों के मामले उठाकर भाजपा को घेरा
भोपाल। कांग्रेस के मध्यप्रदेश प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तीन दिन में दूसरी बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सरकार को घेरा है। भोपाल में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि फसल के दाम मांगने पर भाजपा ने किसानों के सीनों पर गोलियां चलाईं। शिवराज सरकार ने किसानों के साथ हमेशा छल किया है।
सुरजेवाला ने कहा, ‘2024 -25 की रबी की फसल के लिए कम समर्थन मूल्य की घोषणा की गई। खुद शिवराज सरकार ने एमएसपी की अधिक कीमत मांगी थी और लिखकर भेजी थी। महाराष्ट्र और गुजरात ने भी डिमांड की थी, लेकिन कीमत कम मिली। गेहूं की एमएसपी 2275 रुपए/क्विंटल अनाउंस की गई। जबकि, 2400 रुपए किसान की बुवाई की लागत है। महाराष्ट्र ने 4 हजार, गुजरात ने 3 जार से ज्यादा की लागत बताई। 5440 चने की कीमत है। 5500 मांगी गई थी।’
सुरजेवाला ने पीसीसी में आगे कहा, ‘फरवरी 2016 में सीहोर में भाजपा ने कहा कि किसान को लागत और 50% मुनाफा देंगे। प्रधानमंत्री ने इसे कई बार दोहराया। भाजपा की केंद्र सरकार एमएसपी (समर्थन मूल्य) की घोषणा तो करती है, खरीदी नहीं करती। पूरे देश में धान के उत्पादन से खरीद आधी हुई। गेहूं में भी 18% खरीद हुई। तिलहन, दलहन में 1% से कम न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की गई।’
इन मामलों में भाजपा को घेरा
• 2 सितंबर 2023 में चित्रकूट में शिवराज ने जेपी नड्डा से भावांतर को अच्छी योजना कहलवा दिया। शिवराज सरकार ने भावांतर योजना का बजट मात्र 1 हजार रुपए रखा। 2021-22 और 2022-23 में शिवराज सरकार ने भावांतर योजना में एक फूटी कौड़ी खर्च नहीं की।
• भाजपा ने किसान कल्याण विभाग को किसान दुर्दशा विभाग बना दिया। शिवराज सरकार ने पिछले 6 महीने में सितंबर 2023 तक 23 योजनाओं में से 19 योजनाओं में अप्रैल से सितंबर तक एक भी पैसा नहीं दिया।
• नरेंद्र सिंह तोमर के विभाग की संसदीय समिति ने मप्र में बताया कि एमपी के किसानों की आय कम होकर पूरे परिवार के लिए 270 प्रतिदिन या 55 रुपए प्रति व्यक्ति हो गई। इतने पैसों में किसान परिवार कैसे चल पाएंगे।
• किसान सम्मान निधि किसान अपमान निधि बन गई है। 9 में मोदी और शिवराज सरकारों में प्रति हेक्टेयर 25 हजार लागत बढ़ा दी गई। दूसरी तरफ किसान की जेब से 25 हजार रु. प्रति हेक्टेयर लूटकर 6 हजार रुपए दे रहे हैं।
मोदी सरकार ने 8 अगस्त को बताया कि देश में 2 करोड़ 15 लाख 1132 किसान कम हो गए। संसद में दो साल का अंतर पूछा गया था। मप्र में 897203 किसान कम हुए। इन किसानों को अब किसान सम्मान निधि का पैसा नहीं दे रहे।