मतगण्ना से पहले दोनों दलों में तैयार हो रही भितरघातियों की कुंडली; तीन दिसंबर के बाद शुरू होगा अब सह मात का खेल
मतगण्ना से पहले दोनों दलों में तैयार हो रही भितरघातियों की कुंडली; तीन दिसंबर के बाद शुरू होगा अब सह मात का खेल
भोपाल । राजनीति में पूरा खेल समय का है। अभी चुनाव के पहले हर पार्टी अपने कार्यकर्ता की मान मनौवल कर रही थी लेकिन अब चुनाव के बाद ऐसे ही कार्यकर्ताओं की कुंडली तैयार की जा रही है। अब बता दें कि मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के परणिाम आने में अब छह दिन बचे हैं। 3 दिसंबर को काउंटिंग होनी है। चूंकि इस चुनाव में 2018 के मुकाबले करीब डेढ़ फीसदी वोटिंग ही बढ़ी है। ऐसे में प्रदेश में अगली सरकार किस दल की बनेगी, इसे लेकर कोई पुख्ता दावा नहीं कर पा रहा है।
गौर करने वाली बात यह है कि सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस हार-जीत को लेकर गुणा-भाग में जुटे हैं। साथ ही भितरघातियों की कुंडली भी तैयार की जा रही है, जिन्होंने इस चुनाव में दोनों दलों के समीकरण बिगाड़ने का काम किया है। इस चुनाव में दोनों दलों को बागियों से ज्यादा भितरघात से ज्यादा नुकसान हुआ है। हालांकि, दोनों ही दल ये बताने से बचते नजर आए कि उनके पास ऐसी कितनी शिकायतें आई हैं।
दोनों ही पार्टी संगठनों के पास अपने प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की शिकायतें पहुंची हैं। ऐसी संभावना है कि 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद भितरघात करने वाले नेताओं पर अनिवार्य रूप से कार्यवाही की जायेगी। हालांकि, कांग्रेस ने भितरघात की पुष्टि होने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है।
भाजपा को यहां मिली ज्यादा शिकायतें –
बता दें कि चुनाव के दौरान सबसे अधिक जिन जिलों से भाजपा को शिकायते मिली हैं उनमें प्रमुखरूप से बुरहानपुर, सीधी , निवाडी आदि प्रमुख हैं। यहां के प्रत्याशियों ने भाजपा हाईकमान को अंदरूनी शिकायतें पहुंचा दी है। देखना यह है कि चुनाव परणिाम आने के बाद पार्टी क्या नर्णियलेती है।
कांग्रेस को यहां मिली शिकायतें
कांग्रेस को चुनाव के दौरान सागर, कोतमा , इंदौर, शाजापुर तथा टीकमगढ आदि जिलों से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। बता दें कि आंकडो के ढंग से देखा जाये तो ज्यादातर शिकायतें कांग्रेस के पास है। ऐसा लगता है कि सबसेज्यादा भीतरघात कांग्रेस में ही हुआ है।