रायपुर : राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने वाले अधिकारियों पर होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही: मंत्री वर्मा

रायपुर : राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण नहीं करने वाले अधिकारियों पर होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही: मंत्री वर्मा

राजस्व विभाग राज्य शासन की रीढ़, पारदर्शिता, संवेदनशीलता और समयबद्धता से करें आम जनता का काम: मंत्री वर्मा

मंत्री वर्मा ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आम जनता को त्वरित एवं प्रभावी सेवाएं उपलब्ध कराना 

राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक संपन्न

रायपुर
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने आज महानदी भवन नवा रायपुर में राजस्व विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की प्रगति, क्रियान्वयन तथा भविष्य की कार्ययोजनाओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। डिजिटल भू-अभिलेख, ई-गिरदावरी, ड्रोन सर्वे आधारित स्वामित्व योजना, नक्शा परियोजना तथा त्रिवर्षीय भू-सर्वेक्षण कार्यक्रम जैसे प्रमुख बिंदुओं पर प्रगति की विस्तार से समीक्षा की और विभाग को निर्धारित समय-सीमा में लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता आम जनता को त्वरित एवं प्रभावी सेवाएं उपलब्ध कराना है, जिसमें राजस्व विभाग की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर राजस्व विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत, उप सचिव द्वय श्री लोकेश चंद्राकर, श्री सुनील चंद्रवंशी, सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित थे। 

मंत्री श्री वर्मा ने राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों की स्थिति को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध निराकरण हेतु स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्धारित अवधि में प्रकरणों का निस्तारण न करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों के स्थानांतरण प्रस्तावों पर भी नीतिगत चर्चाएं की गईं, जिनमें रिक्त पदों की अद्यतन जानकारी एवं पहले से स्थानांतरित अधिकारियों के प्रभार की स्थिति की समीक्षा सम्मिलित रही। राजस्व विभाग के पदोन्नत अधिकारियों को एकतरफा भारमुक्त करने के निर्देश दिए। राजस्व विभाग राज्य शासन की रीढ़ है, इसकी पारदर्शिता, संवेदनशीलता और समयबद्धता से ही आम जनता का विश्वास सुदृढ़ होता है। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों को मिशन मोड में कार्य करने और जनता की समस्याओं का तत्पर समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 

राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा ने विभागीय कार्यों की गुणवत्ता में निरंतर सुधार की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि आधुनिक तकनीकों और डिजिटल प्रक्रियाओं को अपनाकर आमजन को अधिक पारदर्शी एवं दक्ष सेवाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने एनडीआरएफ के आधुनिकीकरण, पर्यावरणीय अवसंरचना, स्वीकृत कार्यों की प्रगति एवं व्यय की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।

 बैठक में विभागीय दस्तावेजों जैसे मिसल, निस्तार पत्रक एवं न्यायालयीन प्रकरणों के डिजिटलीकरण की समीक्षा हुई। इसके अंतर्गत राज्य न्यायालय के दस्तावेजों को ऑनलाइन एवं कियोस्क के माध्यम से उपलब्ध कराने की प्रक्रिया का मूल्यांकन किया गया। भूमि अभिलेखों की त्रिवर्षीय कार्ययोजना, ई-गिरदावरी, नक्शा परियोजनाओं, स्वामित्व योजना के अंतर्गत ड्रोन सर्वे, किसान पंजीयन तथा लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर तेजी लाने के निर्देश दिए।
     बैठक में आकाशीय बिजली, बाढ़ एवं प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा हेतु की गई तैयारियों की भी गहन समीक्षा की गई। साथ ही, पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन प्राधिकरण, भू-अर्जन, लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण, नवीन तहसीलों में रिकॉर्ड रूम स्थापना तथा स्वीकृत बजट व्यय की स्थिति पर भी विचार-विमर्श किया गया।

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