पुखराज, गोमेद, हीरा समेत ये 9 रत्न असली है या नकली? जानें टेस्ट का सही तरीका
ज्योतिष शास्त्र में रत्नों का महत्व काफी अधिक है. लोग इन्हें आर्थिक तंगी दूर करने, धन लाभ और जीवन में शुभ फल प्राप्त करने के उद्देश्य से धारण करते हैं. हालांकि, यदि रत्न नकली हो तो यह लाभ की बजाय नुकसान भी पहुंचा सकता है. इसलिए असली और नकली रत्न की पहचान करना बेहद जरूरी है. ज्योतिष मान्यता के अनुसार हमारे ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव को कंट्रोल करने की क्षमता रखते हैं. इनकी कीमत को ध्यान में रखते हुए पैसा लगाने से पहले इनकी शुद्धता जांचने के कुछ आसान तरीके जान लेने चाहिए.
उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित ग्रह स्थानम के ज्योतिषी अखिलेश पांडेय ने बताया कि रत्नों का ज्योतिष और जीवन में विशेष महत्व है. यह ग्रहों की ऊर्जा को संतुलित कर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं. सही रत्न धारण करने से आर्थिक तंगी दूर होती है, मानसिक शांति मिलती है और जीवन में उन्नति के मार्ग खुलते हैं. हर रत्न का अपना महत्व और फायदे हैं. वहीं असली रत्न पहनने से स्वास्थ्य लाभ, आत्मविश्वास और वैवाहिक जीवन में सुधार होता है. हालांकि, नकली रत्न नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसलिए असली रत्न की पहचान जरूरी है. कई तरीकों से आप आसानी से असली और नकली रत्न की पहचान कर सकते हैं. ध्यान रखें कि सही रत्न धारण करने से ही शुभ फल प्राप्त होते हैं.
माणिक : माणिक की जांच के लिए इसे चांदी की थाली में रखकर सूरज की रोशनी में रखें. यदि चांदी लाल रंग की दिखाई देने लगे, तो माणिक असली है.
मोती : मोती की पहचान के लिए इसे पानी से भरे कांच के गिलास में डालें. अगर पानी में किरणें निकलती हुई दिखें, तो मोती असली है.
मूंगा : मूंगे की जांच करने के लिए इसे कांच या शीशे पर रगड़ें. यदि कोई आवाज न हो, तो मूंगा असली है. साथ ही, हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदें मूंगे पर डालें. यदि झाग बनें, तो यह असली है.
पन्ना : पन्ने की पहचान के लिए इसे हल्दी पर रगड़ें. यदि हल्दी लाल हो जाए, तो पन्ना असली है. इसके अलावा, पानी भरे ग्लास में पन्ना डालने पर हरी किरणें निकलती दिखनी चाहिए.
पुखराज : पुखराज को एक दिन दूध में रखकर देखें. यदि इसका रंग या चमक न बदलें, तो यह असली है.
हीरा : हीरे की जांच के लिए इसे गर्म दूध में डालें. अगर दूध तुरंत ठंडा हो जाए, तो हीरा असली है.
नीलम : नीलम को पानी भरे कांच के गिलास में डालें. यदि पानी के ऊपर नीली किरणें दिखें, तो यह असली है.
गोमेद : गोमेद में बुलबुले नहीं होते. इसे 24 घंटे गोमूत्र में रखने पर यदि इसका रंग बदल जाए, तो यह असली है.
लहसुनिया : लहसुनिया को पत्थर पर रगड़ने पर भी यह टूटता नहीं. अंधेरे कमरे में रखने पर इसकी चमक स्पष्ट दिखती है.