बांग्लादेश के उप उच्चायोग हमले में 4 पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई, 7 हिरासत में

अगरतला। अगरतला स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायोग भवन पर कुछ असमाजिक तत्वों की तरफ से हमला किया गया। अब इस मामले में 4 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है और 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में सोमवार (2 दिसंबर) को एक विरोध रैली निकाली गई। रैली के दौरान गुस्साई भीड़ ने बांग्लादेशी उच्चायोग पर हमला कर दिया।

पुलिस ने इस घटना की जानकारी देते हुए बताया, अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग में परिसर के उल्लंघन के मामले में चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया।

तीन उप-निरीक्षक निलंबित
पश्चिम त्रिपुरा के एसपी ने बताया कि तीन उप-निरीक्षकों को निलंबित कर दिया गया और एक पुलिस उपाधीक्षक को लापरवाही के लिए पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया। घटना को लेकर न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स (एनसीसी) पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान मामला दर्ज किया गया था। 

एसपी ने कहा कि पुलिस ने पहले ही घटना की जांच शुरू कर दी है और कानून के अनुसार कदम उठाएगी। साथ ही घटना के बाद वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ा दी गई और सीआरपीएफ और त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के जवानों को तैनात किया गया।

भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ा तनाव
इस हमले से भारत और बांग्लादेश के बीच तनाव बढ़ गया है। हमले ने भारत को बैक-फुट पर ला दिया है क्योंकि अभी तक भारत ढाका स्थित अपने उच्चायोग की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति अपनाए हुए था। इस हरकत से भारत और बांग्लादेश के बीच चल रहा कूटनीतिक तनाव और गहरा गया है। इस घटना पर भारत ने गहरा खेद जताया है। 

भारत ने जताया खेद
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर बताया है कि आज दिन में अगरतला स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त के भवन पर किया गया हमला काफी खेदजनक है। किसी भी सूरत में कूटनयिकों और कांसुलर की परिसंपत्तियों पर निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने लगाया आरोप
दूसरी तरफ बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि अगरतला के प्रदर्शनकारियों को परिसर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। इसके बाद उन्होंने ध्वज स्तंभ को तोड़ दिया और बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का भी अपमान किया। विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाते हुए ये भी कहा कि ये बेहद अफसोस की बात है सुरक्षा के लिए मौजूद स्थानीय पुलिसकर्मियों ने शुरू से ही स्थिति को कंट्रोल करने में कोई सक्रियता नहीं दिखाई।
 

Back to top button