सपा-कांग्रेस के प्लस प्वाइंट पर भाजपा ने उठाए सवाल
सपा-कांग्रेस के प्लस प्वाइंट पर भाजपा ने उठाए सवाल
राहुल गांधी और अखिलेश यादव की चुनावी जनसभाओं में भीड़ के हंगामे को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है सपा और कांग्रेस सभाओं में हंगामे को युवाओं का उत्साह और भाजपा के प्रति गुस्सा बता रही हैं वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हंगामे पर सपा को घेरते हुए उसके आचरण पर ही सवाल उठा रहे हैं मोदी मानते हैं कि जनसभाओं में पैसे लेकर आने वाले हंगामा ही करेंगे तो योगी सपा के संस्कार पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि सपा व कांग्रेस के लोग तो अपने ही नेताओं को धक्का देकर गिरा दे रहे हैं।
बीते दिनों उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर हुई जनसभाओं में बेकाबू भीड़ के हंगामे और सुरक्षा घेरा तोड़ने की घटनाएं सियासी मुद्दा बन गई हैं 19 मई को राहुल गांधी व अखिलेश यादव की इलाहाबाद व फूलपुर लोकसभा क्षेत्र की चुनावी जनसभा के बाद अगले दिन संत कबीर नगर व 21 मई को आजमगढ़ के लालगंज में अखिलेश की जनसभा में बेकाबू हुई भीड़ के हंगामे के अलग-अलग निहितार्थ निकाले जा रहे हैं भाजपा नेता इसे सस्ती लोकप्रियता व संस्कारों में कमी तथा गुंडागर्दी के रूप में देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रावस्ती में आयोजित जनसभा में अखिलेश और राहुल की सभाओं में उपद्रव और तोड़फोड़ की घटनाओं पर चुटकी लेते हुए कहा कि पैसे लेकर रैली में आने वाले हंगामा ही करेंगे।
वहीं, बुधवार को कादीपुर व जौनपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा के समर्थकों का संस्कार इसी से पता चलता है कि वह मंच और सभाओं में धक्का-मुक्की कर हैं ये गुंडे सत्ता में आकर क्या करेंगे, अभी इनके मंच टूट रहे हैं तो आगे क्या होगा। सपा में रोज भगदड़, मारपीट, अराजकता व नूराकुश्ती दिख रही है यही समाजवादी पार्टी का संस्कार हो गया है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की जनसभा में अनुशासनहीन कार्यकर्ताओं की लगातार अराजकता के कारण असहज स्थिति उत्पन्न हो रही है आजमगढ़ में ही एक दिन पहले मंगलवार को सरायमीर के खरेवां में कुछ कार्यकर्ताओं ने जमकर उपद्रव मचाया था।
इसकी चर्चा अभी थमी भी न थी कि अगले ही दिन बुधवार को बिलरियागंज बघैला व मुबारकपुर के बेठौली में आयोजित दो जनसभाओं में कार्यकर्ता फिर बेकाबू हो गए। बैरिकेडिंग तोड़कर मंच की तरफ बढ़ रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोकना चाहा तो उन पर भी ईंट-पत्थर चलाए गए। उन्हें खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं. इतना उपद्रव देख कई कार्यकर्ता सभा छोड़कर चले गए।