एक दर्जन लोगों की सरना धर्म में वापसी
एक दर्जन लोगों की सरना धर्म में वापसी
झारखंड में गरीब आदिवासी परिवारों को कई तरह का प्रलोभन देकर उनका ईसाई धर्म में मतांतरण किया जाता है। यह एक चिंता का विषय है इसी क्रम में गुमला के बसिया प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत कुम्हारी झापाटोली गांव के तीन आदिवासी परिवारों के लगभग एक दर्जन से अधिक सदस्यों ने शुक्रवार को ईसाई धर्म छोड़कर सरना धर्म में घर वापसी किया।
बसिया प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत कुम्हारी झापाटोली गांव के तीन आदिवासी परिवारों के लगभग एक दर्जन से अधिक सदस्यों ने शुक्रवार को ईसाई धर्म छोड़कर सरना धर्म में घर वापसी किया। गांव के बुधवा पाहन ने आदिवासी रिवाज से ग्राम देवता की पूजा की और मतांतरित परिवारों को सरना धर्म में वापस लाया. ज्ञात हो कि गांव के तीन लोग दो साल पहले प्रलोभन में आकर सरना धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म में शामिल हो गए थे दो साल पूर्व मतांतरित लक्ष्मण उरांव, बिरसा उरांव और मुन्नी उरांव का कहना है कि उन लोगों के घर में हमेशा कोई न कोई बीमार रहता था उस समय स्वास्थ्य सुविधा का प्रलोभन दिया गया था, जिस कारण वे लोग सरना धर्म को छोड़कर ईसाई धर्म अपना लिया था अब अंधविश्वास पर से पर्दा हट गया है।
वनवासी कल्याण केंद्र से संचालित जनजाति हित रक्षा आयाम के जिला संयोजक सोनामनी उरांव और सदस्य दिनेश लकड़ा के पहल पर मतांतरित परिवारों को जागरूक किया गया। इनकी पहल रंग लाई और शुक्रवार को बुधवा पाहन के नेतृत्व में मतांतरित लक्ष्मण उरांव, बिरसा उरांव और मुन्नी उरांव परिवार के सदस्य सुजीत उरांव, सुकरो उरांव, हजारी उरांव, चंद उरांव,रेखा उरांव,बसंती तिग्गा, बंधा उरांव, पाकू उरांव, रिंकू उरांव, सोमो उरांव, पनिया उरांव को विधि विधान से अपने मूल धम्र सरना में शामिल किया गया।
जनजाति हित रक्षा आयाम के जिला संयोजक सोनामती उरांव, सदस्य दिनेश लकड़ा, हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश प्रवर्तन प्रमुख संजय वर्मा आदि ने क्षेत्र में हो रहे मतांतरण पर चिंता जताया है उन्होंने मंतारण पर कानून बनाने की सरकार से मांग की है। सोनामनी उरांव ने कहा कि ईसाई धर्म के पुराेहित गुमला सिमडेगा जिला के ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब आदिवासी समाज को प्रलोभन देकर सरना धर्म से मतांतरण कराने का काम कर रहे हैं।
जनजाति हित रक्षा आयाम क्षेत्र में काम करेगी और आदिवासी समाज को धर्म के प्रति जागरूक करेगी.क्षेत्र मे मतांतरित परिवारों को चिह्नित कर मूल धर्म में वापस लाने का काम किया जाएगा। मतांतरित परिवार के सदस्यों ने सरना धर्म में वापस लोटने के बाद सकून महसूस कर रहे हैं पूरा परिवार उत्साहित है।