ओडिशा में बीजेडी संग बीजेपी का गठबंधन असफल, मनमोहन सामल ने कहा हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे
ओडिशा में बीजेडी संग बीजेपी का गठबंधन असफल, मनमोहन सामल ने कहा हम अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे

राजनीति में गठबंधन होना तो आम बात है, लेकिन सीट बटवारे के दौरान उनका टूटना भी संभव हो जाता है। लोकसभा चुनाव की तरीकों का ऐलान हो चुका है वही कई राज्यों से अलग अलग पार्टी के सीट बटवारे को लेकर गठबंधन टूटने की आए दिन खबर आ रही है। ओडिशा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव 2024 के लिए नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और बीजेपी की नहीं बन पा रही, जिसके चलते बीजेपी नेता ने बीते दिन “22 मार्च” को इन दोनों चुनावों में अकेले चुनाव लड़ने की बात कही है।
मनमोहन सामल सोशल मीडिया X के जरिए अपनी बात रखी, उन्होंने लिखा कि ने, ‘4.5 करोड़ ओडिशावासियों की आशा, अभिलाषा और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में विकसित भारत तथा विकसित ओडिशा बनाने के लिए भाजपा इस बार लोकसभा की सभी 21 और विधानसभा की सभी 147 सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी।’ ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव भी होंगे। उन्होंने कहा कि देश भर में जहां भी ‘डबल इंजन’ की सरकार रही है, वहां विकास व गरीब कल्याण के कार्यों में तेजी आई है और राज्य हर क्षेत्र में आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि ओडिशा-अस्मिता, ओडिशा गौरव और ओडिशा के लोगों के हित से जुड़े अनेक विषयों पर हमारी चिंताएं हैं।
वही इस दौरान बीजेडी के महासचिव प्रणब प्रकाश दास ने भी सोशल मीडिया पर अकेले लड़ने की पार्टी की योजना की घोषणा की, लेकिन दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे की आलोचना करने से परहेज किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीजेपी-बीजेडी में बातचीत न बनने और गठबंधन टूटने के पीछे सूबे की 2 सीटों पर सहमति नहीं बन पाना भी एक बड़ा कारण बना है। बीजेपी की जीती हुई राजधानी भुवनेश्वर की सीट छोड़ने के लिए बीजेडी लगातार दबाव बनाता रहा और बीजेपी शीर्ष नेतृत्व चाहता था कि विधानसभा चुनाव के लिए भले ही बीजेडी को वरीयता दी जाये लेकिन लोकसभा सीटों के बंटवारे में बीजेपी ज्यादा सीटों चुनाव लड़ने की व्यवस्था होनी चाहिए।