CAA पर रोक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सहमति दर्ज, क्या इस कानून पर रोक लग जाएगी?
CAA पर रोक की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की सहमति दर्ज, क्या इस कानून पर रोक लग जाएगी?
इण्डियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), सामान्य तौर पर मुस्लिम लीग नाम से मशहूर, भारत की एक राजनैतिक पार्टी है जिसे भारतीय चुनाव आयोग ने केरल राज्य के दल के रूप में मान्यता दे रखी है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने नए नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियम 2024 पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर कर दी है। याचिका में नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 और नागरिकता संशोधन नियम 2024 के विवादित प्रावधानों के निरंतर संचालन पर रोक लगाने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि इस प्रावधान से केवल कुछ धर्मों को फायदा होगा।
वहीं शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) 2019 पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर 19 मार्च को सुनवाई करने के लिए सहमत हो गया। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष इस मुद्दे का उल्लेख किया जिन्होंने कहा कि मामला अगले सप्ताह सूचीबद्ध किया जाएगा।
सीएए को दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित किया गया था, लेकिन 4 साल बाद केंद्र सरकार ने सोमवार को इसके लिए नियम जारी किए। इस अधिनियम की अधिसूचना पर विपक्षी नेताओं ने आलोचना शुरू कर दी। इन्होंने दावा किया कि अधिसूचित नियम असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और संविधान में निहित नागरिकता के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत का उल्लंघन हैं। सीएए के आलोचकों ने यह भी तर्क दिया कि मुसलमानों को इसके दायरे से बाहर करके और नागरिकता को धार्मिक पहचान से जोड़कर, कानून भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को कमजोर करता है।
केंद्र ने कानून इस कानून के बारे में बताते हुए कहा है कि सीएए नागरिकता देने के बारे में है और देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीएए को कभी वापस नहीं लिया जाएगा और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार इसके साथ कभी समझौता नहीं करेगी।