उज्जैन में विकसित होगा देश का प्रथम आईआईटी सैटेलाइट कैंपस; सीएम डॉ. यादव के समक्ष आईआईटी इंदौर के विशेषज्ञों ने दिया प्रेजेंटेशन

उज्जैन में विकसित होगा देश का प्रथम आईआईटी सैटेलाइट कैंपस; सीएम डॉ. यादव के समक्ष आईआईटी इंदौर के विशेषज्ञों ने दिया प्रेजेंटेशन

भोपाल। देश में शोध आधारित प्रथम आईआईटी सैटेलाइट परिसर की स्थापना उज्जैन में की जायेगी।देश का अपने तरह का यह अनूठा संस्थान होगा। आईआईटी इंदौर का डीप-टेक रिसर्च और डिस्कवरी कैंपस (डीआरडीसी) जल्दी ही उज्जैन में शुरू होने जा रहा है। उज्जैन भविष्य की प्रौद्योगिकी में विश्व-स्तरीय अनुसंधान केंद्र होगा, जिसे आईआईटी इंदौर का डीप-टेक रिसर्च और डिस्कवरी कैंपस उज्जैन में स्थापित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से उज्जैन में आज भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर के निदेशक और विशेषज्ञों ने भेंट कर उज्जैन में प्रस्तावित सैटेलाइट परिसर के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। प्रस्तुतीकरण में जानकारी दी गई कि इस केन्द्र की लागत 474 करोड़ रूपए होगी। आने वाले डेढ़ से दो वर्ष की अवधि में यह कार्य पूर्ण होगा।

अन्य प्रदेशों के लिए भी उपयोगी होगा सैटेलाइट परिसर
उज्जैन के सैटेलाइट परिसर की स्वीकृति के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पूर्व में भी प्रयास किए। उन्होंने हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान से भेंट कर शिक्षा और कौशल विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा की थी।

इस क्रम में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इंदौर द्वारा उज्जैन में सैटेलाइट परिसर स्थापित करने की परियोजना शामिल है। यह परियोजना तैयार कर वर्ष 2023 में शिक्षा मंत्रालय को स्वीकृति के लिये भेजी गई थी। उज्जैन सैटेलाइट परिसर एक महत्वपूर्ण परियोजना है, जिससे पूरे भारत और विशेष रूप से मध्य प्रदेश के छात्रों, शिक्षकों और औद्योगिक कर्मियों को लाभ मिलेगा।

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