श्री लीला समारोह के माध्‍यम से राममय हो रहा पूरा मध्यप्रदेश; मप्र के संस्‍कृति मंत्री श्री लोधी ने बताया सांस्‍कृतिक महत्‍व

श्री लीला समारोह के माध्‍यम से राममय हो रहा पूरा मध्यप्रदेश; मप्र के संस्‍कृति मंत्री श्री लोधी ने बताया सांस्‍कृतिक महत्‍व

भोपाल । मप्र के संस्कृति, पर्यटन, धर्मस्व एवं धार्मिक न्यास राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा कि 22 जनवरी इतिहास के सुनहरे पन्नों पर दर्ज होगी। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव पूरे देश में शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश में भी संस्कृति विभाग द्वारा विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के 28 पवित्र आस्था स्थलों पर श्रीराम कथा के विशिष्ट चरित्रों पर आधारित “श्रीलीला समारोह” का आयोजन किया जा रहा है। श्री लोधी ने बताया कि प्रदेश में आस्था और संस्कृति का वातावरण निर्मित करने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर प्रभात फेरी एवं कलश यात्रा एक अभियान के रूप में जनअभियान परिषद के सहयोग से की जा रही है।

प्रदेश में हो रही अनेक गतिविधियां –
मंत्री श्री लोधी ने बताया कि महाकाल प्रबंध समिति की ओर से 5 लाख लडडुओं का प्रसाद अयोध्या भेजे जा रहे हैं। इस कड़ी में मंदिरों एवं मंदिरों के आसपास विशेष स्वच्छता अभियान, पवित्र नदियों, जलाशयों में दीपदान का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को श्रीराम की प्राणप्रतिष्ठा का सजीव प्रसारण देश के प्रमुख मंदिरों में एलईडी के माध्यम से किया जा रहा है।

विशेष ट्रेनों से अयोध्या जाने वाले तीर्थ यात्रियों का स्वागत तथा ट्रेनों के प्रस्थान की तिथि पर समारोहपूर्वक पुष्प-वर्षा की जायेगी। इसके अतिरिक्त स्थानीय कलाकारों एवं संस्थाओं के सहयोग से श्रीराम-जानकी जी से संबंधित चित्र, शिल्प, रंगोली आदि का प्रदर्शन किये जाने के साथ आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक परिचर्चा, नृत्य नाटिका, भजन संध्या का आयोजन भी किया जा रहा है।

संस्कृति मंत्री श्री लोधी ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व चित्रकूट में विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ, श्रीराम, श्री लक्ष्मण, माता जानकी और श्री हनुमान की झांकी का नगर भ्रमण, भक्तमति शबरी लीला नाटय का प्रस्तुतिकरण, श्रीराम घाट पर स्वस्ति वाचन एवं दीपदान तथा निषाद राज गुहया लीला नाटय और स्थानीय मंडलियों द्वारा श्रीराम कीर्तन आदि की प्रस्तुतियाँ की जा रही हैं।

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