अगले 23 साल बाद के मप्र की रूपरेखा पर काम शुरू होगा; सीएम ने अधिकारियों से मांगा प्लान , मोदी विजन पर कार्य शुरू
अगले 23 साल बाद के मप्र की रूपरेखा पर काम शुरू होगा; सीएम ने अधिकारियों से मांगा प्लान , मोदी विजन पर कार्य शुरू
भोपाल। मप्र की मोहन सरकार अब आगामी भविष्य की रूपरेखा पर काम करना शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार अबसे 23 साल बाद यानि कि वर्ष् 2047 में आजादी के सौ साल पूरे होने पर विकसित भारत की थीम पर काम कर रही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के निर्देश पर एमपी में भी मोहन सरकार ने अमल शुरू कर दिया है।
डॉ मोहन यादव सरकार इसी थीम पर काम करते हुए आगामी 23 साल में मप्र के विकास का खाका तैयार करना चाहती है। यही कारण है कि राज्य की डा मोहन सरकार द्वारा सभी विभागों से एक्शन प्लान 2047 मांग लिया है।
इस एक्शन प्लान में बीजेपी के संकल्प पत्र में शामिल संकल्पों को भी शामिल करने के निर्देश विभागों को दिए गए हैं। इसके साथ ही अफसरों से एक साल, पांच साल में किए जाने वाले एक्शन प्लान को भी बताने के लिए कहा गया है। इसकी जानकारी सभी विभागों को संकल्प पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी माह पोर्टल पर डालें जानकारी –
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने जीएडी के निर्देश के बाद विभागों से इसकी जानकारी मांगी है। इस मामले में विभागीय देरी के चलते सभी विभागों से कहा गया है कि वे अपने विभाग की कार्ययोजना 19 जनवरी तक विभागीय मंत्री के अनुमोदन के साथ संकल्प पोर्टल पर अपलोड करेंगे।
इसमें पीपीटी फार्म में भी एक्शन प्लान देने के लिए कहा गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भी विकसित भारत अभियान 1947 से 2047 को टारगेट कर योजनाएं और कार्यक्रम तय कर रही है और राज्यों से इसकी योजना मांग रही है।
15 दिन में देनी है रूपरेखा
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को लिखे पत्र में कहा है कि अपने विभाग की विभागीय कार्ययोजना का चिन्हांकन और प्रस्तुतिकरण करने का काम सभी को करना है।
इसमें सौ दिन, एक साल, पांच साल और वर्ष 2047 तक की कार्ययोजना विभाग वार तैयार की जाना है। 23 दिसम्बर को जारी निर्देश में इसकी पूरी डिटेल 15 दिन में तैयार कर मुख्य सचिव कार्यालय को दस जनवरी के पहले देने के लिए कहा गया था लेकिन कई विभाग अब तक इस पर काम नहीं कर पाए हैं।
100 कार्य दिवस की हो सकती है किंतु आगे की समय लगेगा –
बताया जा रहा है कि कार्ययोजना के लिए 100 डेज की कार्ययोजना पर तो लगभग सभी विभागों ने काम कर लिया है किंतु पांच साल और 2047 तक की कार्ययोजना को लेकर अधिकांश विभागों ने काम नहीं हुआ है।
कुछ वभिाग तो कह रहे हैं कि इसके लिए वास्तव में एक्सपर्ट चाहिए। एक जानकारी के मुताबिक जल संसाधन वभिाग ने कुछ तैयार कर लिया है जिसमें सिचांई, पेयजल तथा कृषि उपार्जन आदि को लेकर रूपरेखा तैयार की गई है।