अयोध्‍या में स्‍थापित होने वाली नई मूर्ति की जरूरत क्‍यों पडी; कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उठाये फिर सवाल

अयोध्‍या में स्‍थापित होने वाली नई मूर्ति की जरूरत क्‍यों पडी; कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह ने उठाये फिर सवाल

भोपाल।देश या प्रदेश में कुछ नया हो रहा हो और उस अवसर पर मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह चुप रहें यह हो नहीं सकता। एक बार फिर वे मुखर हैं। बता दें कि उन्‍होने अयोध्‍या में स्‍थापित होने वाली रामलला की मूर्ति को लेकर फिर राग अलापा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में स्थापित की जाने वाली राम लला की नई मूर्ति को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बुधवार को इंदौर में पूछा, जिस मूर्ति को लेकर पूरा झगड़ा हुआ वो कहां है? नई मूर्ति कहां से आ रही है? नई मूर्ति की आवश्यकता क्यों पड़ी ? 22 जनवरी को अयोध्या जाने के सवाल पर कहा, मुझे किसी निमंत्रण की जरूरत नहीं है। भगवान राम हमारे हृदय में बसे हैं। दिग्विजय विधानसभा चुनाव में हार के बाद वे पहली बार इंदौर आए। यहां कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर चर्चा की। विधानसभा चुनाव में हार के कारण भी जाने।

पूर्व सीएम श्री सिंह ने कहा कि मतगणना वीवीपैट की पर्ची के आधार पर की जानी चाहिए। हम यह कहां कह रहे हैं कि मतदान से नहीं कराएं। हम तो चाहते हैं कि वोटिंग के बाद वीवीपॅैट में गिरने वाली पर्ची लोगों के हाथ में दी जाए और एक अलग बॉक्स में उसे अपने हाथ से डालने का अधिकार दें। यह देश के 90 करोड़ मतदाताओं का अधिकार है। पेटी में डाली गई पर्चियों की काउंटिंग से चुनाव परिणाम घोषित किए जाएं।

‘चुनाव चिह्न कुछ और, छपता कुछ और है’
दिग्विजय सिंह ने आईआईटी दिल्ली के छात्र और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किए गए प्रयोग का हवाला देते हुए कहा- इस छात्र के पिता केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने प्रयोग किया है। हम जब बटन दबाते हैं तो दिखता तो वही चुनाव चिह्न है, लेकिन छपता कुछ और है। यानी कोई सॉफ्टवेयर इस प्रकार का बिल्कुल हो सकता है कि दिखे कुछ, छपे कुछ।

थोड़ी-थोड़ी चोरी करते हैं, ताकि पकड़े न जाएं
दिग्विजय सिंह ने कहा, ये देश के 90 करोड़ मतदाताओं का संवैधानिक अधिकार है। जिसे आप नहीं छीन सकते। वे (भाजपा) अब हमसे कहते हैं कि कांग्रेस तेलंगाना, कर्नाटक में कैसे जीत गई। यदि गुप्त रूप से चोरी करने वाला सारा माल ले जाएगा तो वो पकड़ा जाएगा। ये चोरी शुरू हुई है गुजरात चुनाव 2012 के बाद से। 2014 में कहा कि बहुमत मिलेगा, सरकार बन गई। 2019 में कहा कि 300 पार सीटें लाएंगे, 303 मिल गई। ये भाजपा चुनाव के पहले ही घोषणा कर देते हैं। ये कैसे मालूम पड़ता है। ये बड़ा सवाल है।

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