कुश्ती गतिविधियों को फिर से शुरू करे मंत्रालय : पुनिया
नई दिल्ली। ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पुनिया ने शनिवार को खेल मंत्रालय को देश में कुश्ती गतिविधियों को फिर से शुरू करने की आवश्यकता पर जोर दिया, खासकर जब आगामी पेरिस खेलों के लिए केवल सात महीने शेष हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि चार साल में होने वाले आयोजन की तैयारियों में गंभीरता की कमी है। पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के कारण बिरादरी के भीतर आंतरिक अशांति के कारण हाल के महीनों में कुश्ती को लंबे समय तक रुकावट का सामना करना पड़ा है।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नई समिति के चुनाव के बावजूद अभी तक सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई है। खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय अंडर-15 और अंडर-20 चैंपियनशिप की घोषणा में अपने ही संविधान के उल्लंघन का हवाला देते हुए संजय सिंह के नेतृत्व वाले पैनल को निलंबित कर दिया।
पुनिया ने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर लिखा, पिछले कई महीनों से कुश्ती गतिविधियां रुकी हुई हैं। न तो कोई राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित की गई है और न ही खिलाड़ियों (पेरिस ओलंपिक के लिए) को तैयार करने के लिए कोई शिविर आयोजित किया गया है। बृजभूषण के वफादार संजय सिंह के चुनाव के विरोध में अपना पद्मश्री लौटाने का फैसला किया, उन्होंने आगे कहा कि ओलंपिक की तैयारी पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, सात महीने बाद ओलंपिक खेल है लेकिन कोई भी इसे लेकर गंभीर नहीं दिख रहा है। कुश्ती पिछले चार ओलंपिक में लगातार चार पदक दिए।
टोक्यो ओलंपिक में 65 किग्रा फ्रीस्टाइल कांस्य विजेता पुनिया ने कहा, अधिकारियों को खिलाड़ियों के भविष्य को ध्यान में रखना चाहिए। इसलिए, मैं खेल मंत्रालय से अनुरोध करता हूं कि सभी कुश्ती गतिविधियों को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ताकि खिलाड़ियों के भविष्य को बचाया जा सके। साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने का फैसला किया, जबकि विनेश फोगट ने पीएम नरेंद्र मोदी को संबोधित एक पत्र में अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार वापस करने का फैसला किया, जिसके बाद पहलवानों के कई विरोध प्रदर्शन केंद्र में आ गए।