सरकार ने 2024 से पहले बचत योजना के लिए बढ़ाई ब्याज दर

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार ने ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के लिए ब्याज दरों में 20 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। वित्त मंत्रालय के एक परिपत्र के अनुसार, इस योजना के तहत जमा पर अब 8 प्रतिशत की बजाय 8.2 प्रतिशत की ब्याज दर होगी। केंद्र की ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ उसकी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ पहल के हिस्से के रूप में बालिकाओं के लिए एक बचत योजना है। 10 वर्ष या उससे कम उम्र की लड़की के माता-पिता या अभिभावक इस योजना के तहत अधिकृत बैंक या निकटतम डाकघर में खाता खोल सकते हैं, जो उच्च ब्याज दर के साथ-साथ कई कर लाभ भी प्रदान करता है।
सुकन्या समृद्धि योजना खाता 21 साल के बाद या 18 साल की होने के बाद लड़की की शादी की स्थिति में परिपक्व होता है। हालांकि, जमाकर्ता लड़की के 18 साल की होने के बाद निवेश का 50 प्रतिशत तक समय से पहले निकाल सकता है, भले ही वह शादी नहीं करता।
सरकार ने तीन साल की सावधि जमा पर ब्याज दरें 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.1 फीसदी कर दी हैं, लेकिन पब्लिक प्रोविडेंट फंड के लिए ब्याज दर 7.1 फीसदी पर अपरिवर्तित है। साथ ही बचत जमा पर ब्याज दर चार फीसदी पर बरकरार है। किसान विकास पत्र पर ब्याज दर 7.5 फीसदी है। अगर आपने स्कीम में निवेश किया है तो आपका निवेश 115 महीने में मैच्योर हो जाएगा। राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (एनएससी) की ब्याज दर 1 जनवरी से 31 मार्च, 2024 की अवधि के लिए 7.7 प्रतिशत पर बनी हुई है। सरकार ने मासिक आय योजना के लिए ब्याज दर यानी 7.4 फीसदी में बढ़ोतरी नहीं करने का फैसला किया है। सरकार वित्तीय वर्ष में हर तिमाही में मुख्य रूप से डाकघरों द्वारा संचालित छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर अधिसूचित करती है। मई 2022 से रिजर्व बैंक ने बेंचमार्क उधार दर 2.5 प्रतिशत बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दी है, जिससे बैंकों को जमा पर ब्याज दरें भी बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया है।

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