सीएम चेहरे की तलाश और लोकसभा चुनाव की चुनौती; आगामी चुनाव की सबसे बडी जिम्मेदारी होगी नये चेहरे पर
सीएम चेहरे की तलाश और लोकसभा चुनाव की चुनौती; आगामी चुनाव की सबसे बडी जिम्मेदारी होगी नये चेहरे पर

भोपाल। मप्र में सीएम पद के लिए नये चेहरे की तलाश भाजपा का हाईकमान कर रहा है। पर्यवेक्षक भी नियुक्त हो गये हैं। अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में पार्टी हाईकमान किसे यह मौका देता है। इस पूरे राजनीतिक प्रकरण में गौर करने वाली बात यह है कि बीते 18 वर्षों से भाजपा ने ओबीसी चेहरे को ही सीएम के रूप में प्रोजेक्ट किया है। उमा भारती से लेकर बाबूलाल गौर और खुद शिवराज सिंह चौहान भी । अब अगला चेहरा कौन , इस बात की कवायद जारी है।
इस बार के चुनाव में मप्रकी राजनीति में काफी बदलाव आया है। अब इस बदलावके बाद देखना यह होगा कि जो भी सीएम होगा वो आने वाले लोकसभा की कुल 29 सीटों की चुनौती का सामना कर पायेगा या नहीं ।शिवराज एक मात्र ऐसे चेहरे हैं जो प्रदेश् मुखिया के तौर पर लंबे समय से कार्यरत हैं तो यदि लोकसभाचुनावों की अहम जिम्मेदारी उनकोदी जाये तो वे बेहतर परफार्म करके दिखा सकते हैं। यदि केाई दूसरा चेहरा होगा तो उसको सबसे पहले राजनीतिक स्थिति और प्रदेश के मिजाज को जानने में समय लग सकता है। इतने में तो चुनाव ही आ जायेगा।
2024 लोक सभा चुनाव सबसे अहम जिम्मेदारी
आने वाले मात्र तीन माह में ही लोक सभा चुनाव की अहम जिम्मेदारी सामने है। इस परीक्षा की कसौटी पर खरा उतरना सबके बस की बात नहीं । भाजपा संकल्प है कि प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतना है और कांग्रेस मुक्त का सपना पूरा करना है। ऐसे में देखना यह दिलचस्प होगाकि आखिरकार कौन इस लक्ष्य को पूरा कर सकता है। यदि नामों के आधार पर गौर करें तो प्रहलाद पटेल , कैलाश विजयवर्गीय और तीसरे हैं नरेंद्र सिंह तोमर । क्या संभव इसको लेकर चर्चाओं का बाजार अभी गरम है।
मप्र में इस संशय का कुहरा एक दो दिन में छंट ही जायेगा इस बात की पूरी उम्मीद की जा सकती है।