मोदी का भरोसा, शिवराज की बहनों ने दिलाई सत्ता
मोदी का भरोसा, शिवराज की बहनों ने दिलाई सत्ता
त्वरित टिप्पणी
डॉ. आनन्द शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार
मप्र में एक बार फिर भाजपा पर जनता ने भरोसे की मुहर लगा दी है, जिन लोगों को लंबे समय से ऐसा महसूस हो रहा था कि यहां एंटी इन्कमबेंसी है, उनका भ्रम आज प्रचंड बहुमत के आंकड़े से दूर हो गया। दरअसल यह बहुमत प्रधानमंत्री मोदी के प्रति विश्वास और शिवराज की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रति समर्पि है। आखिरकार शिवराज ने पहले मामा और अब भाई बनकर सामने आ गये थे। यह गौर करने वाली बात है कि भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने भले ही शिवराज को सीएम चेहरे के रूप में घोषित ना किया हो, लेकिन म.प्र. की लाड़ली बहनों ने अपने आशीर्वाद की ताकत देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि म.प्र. को सीएम शिवराज ही चाहिए।
दरअसल संगठन की दृष्टि से म.प्र. का संगठन पूरे देश में एक मॉडल के रूप में जाना जाता है। यहां संगठन में कार्यकर्ताओं की ताकत भी बहुमत के रूप में सामने आयी है। यह आंकड़ा चौंकाने वाला नहीं बल्कि स्वाभाविक है। प्रदेश मुख्यालय से लेकर बूथ और पन्ना प्रभारी तक का मॉडल मप्र ने ही प्रस्तुत किया है। जहां इतना सघन संवाद और संपर्क की कड़ी हो, वहां कैसे वोट छिटक सकता है। यदि 2018 की बात करें तो कांग्रेस में एक दल ने कुछ सीटें दिला दी थी, जिसका मुख्य कारण था किसानों की कर्ज माफी की घोषणा। बाद में खुद कांग्रेस इस कसौटी पर खरी नहीं उतरी। कांग्रेस का सांगठनिक ढांचा भी ऐसा ही है, जहां दोस्ती की दुहाई देनी पड़ती है। ऐसे में प्रदेश का कौन मतदाता अपना विश्वास उस दल को सौंपेगा जहां के बचन भी झूठे और संगठन भी कमजोर हो। एक और रणनीति जो कि अमित शाह के इशारे पर तैयार की वो भी बीएसपी का अधिक संख्या में चुनावी मैदान में उतर जाना। 187 सीटों पर बसपा का चुनाव लड़ना, शुरू में ही लग गया था कि यह आंकड़ा कांग्रेस को कामनाब होने से रोकने में कारगर होगा।
भाजपा में जिस प्रकार खुद को विकास पर केन्द्रित रखा और लाड़ली बहना योजना, लाड़ली लक्ष्मी योजना तथा किसानों को राहत, युवाओं को शिक्षा और रोजगार के लिए निरंतर येाजनाओं के माध्यम से राहत देना, यह बड़ी जीत का आधार है। प्रदेश में सैकड़ों ऐसे बड़े प्रोजेक्ट हैं, जिसे पूरा करने के लिए भाजपा और शिवराज का होना बहुत जरूरी है। यह लय अब बनी रहेगी।
कुल मिलाकर देखा जाये तो मप्र में शिवराज का जादू आम आदमी और बहनों के सिर चढ़कर बोला है। इसलिए यह कहना प्रांसगिक होगा कि भाजपा इस बहुमत की स्वाभाविक अधिकारी थी। जमीन पर जो दिखेगा, सत्ता का सेहरा उसी के सिर पर बंधना चाहिए। यही आधुनिक भारत, सशक्त भारत, विकसित भारत और आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता है। तभी संभव हो सकेगा सामाजिक, आर्थिेक और सांस्कृतिक विकास।
जय मध्यप्रदेश