शहडोल पटवारी मर्डर केस में नया मोड, ड्राइवर की मां बोली ट्रैक्टर मालिक ने मेरे बेटे को फंसाया

सर्दी में गरम कपडे लेकर जेल पहुंची थी जिसे प्रशासन ने गुहार लगाने के बाद भी मिलने नहीं दिया
भोपाल। बीते दिनों शहडोल में हुए दर्दनाक पटवारी हत्याकांड में नया मोड आ गया है। पुलिस ने जिस ड्राइवर को उठाया है उसकी मां ने कहा है कि यह जानबूझकर फंसाया गया है। ड्राइवर की मां के कहने से मामला पूरी तरह से पलट गया है। बता दें कि मैहर के रहने वाले शुभम को पुलिस ने घटना के दूसरे ही दिन गिरफ्तार कर लिया था। आरोपियों की गिरफ्तारी पर पुलिस ने 30 हजार के इनाम का ऐलान भी किया था। शुभम की गिरफ्तारी की खबर जैसे ही उसके परिजन और गांव के लोगों को मिली वे उससे मिलने देवलोंद थाने पहुंचे, पुलिस ने उससे मिलने नहीं दिया।
शुभम की मां ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़ों से भरा बैग लेकर आई थीं, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे लॉकअप तक जाने की इजाजत नहीं दी। वे पुलिसकर्मियों से कहती रहीं कि मेरा बेटा बेकसूर है, उसे छोड़ दीजिए। शाम होते ही मां के सामने बेटे को पुलिस ने लॉकअप से बाहर निकाला और मऊ जेल की तरफ रवाना हो गए।
नारायण सिंह ने मेरे बेटे को फंसाया है। मेरा एक ही बेटा है। मेरा सब कुछ बर्बाद हो गया। शुभम के चाचा ने कहा- उसे प्रलोभन देकर मालिक ने बुलाया और फिर फंसा दिया। शुभम ने अगर घटना को अंजाम दिया होता तो वो सुबह थाने क्यों आता? उसे तो ऐसी कोई घटना की जानकारी तक नहीं थी। पुलिसवाले हमारी बात सुनने तक को तैयार नहीं हैं।
बयान के अाधार पर की गिरफ्तारी : एसपी
सोमवार को शहडोल के एसपी कुमार प्रतीक घटनास्थल पर क्राइम सीन का निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि मामले में अभी जांच जारी है। ट्रैक्टर ड्राइवर शुभम की मां और चाचा उसे बेकसूर बता रहे हैं, इस सवाल के जवाब में एसपी ने कहा- ट्रैक्टर के मालिक के बयान के आधार पर ही गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज किया है।
एसपी के मुताबिक ट्रैक्टर मालिक नारायण सिंह ने बताया कि जिस ट्रैक्टर से पटवारी को कुचला गया, उसे शुभम ही चला रहा था। एसपी ने कहा- शुभम के परिवार का पक्ष आपके माध्यम से ही पता चल रहा है। हम इसकी भी जांच कराएंगे। रात का वक्त होने की वजह से पटवारियों ने किसी की शिनाख्त नहीं की मगर उनके माध्यम से भी आरोपियों की पहचान कराएंगे।
सोन के किनारे पसरा है सन्नाटा
बता दें कि मुख्य रास्ते से सोन नदी की तरफ जाने वाली सड़क पर चारों तरफ रेत ही रेत नजर आती है। इसे देखकर साफ समझ आता है कि इसी रास्ते से माफिया रेत की ढुलाई करते हैं। इस रास्ते के हर घर के सामने रेत के ढेर नजर आते हैं। मुख्य रास्ते से थोड़ा आगे जाने पर सोन नदी का किनारा आता है। यहां रास्ते पर एक जगह खून के धब्बे हैं। ये वही जगह है जहां पटवारी प्रसन्न सिंह बघेल की हत्या की गई। हत्या के बाद से यहां पुलिस की आवाजाही है और रेत माफिया गायब हैं।