अदालतों में जाने से नहीं डरें, ये जनता के लिए ही हैं – डीवाई चन्द्रचूड़

संविधान दिवस पर बोले सीजेआई

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने रविवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जनता की अदालत के रूप में काम किया है, इसलिए जनता को अदालतों में जाने से डरना नहीं चाहिए। न ही इसे आखिरी ऑप्शन के रूप में नहीं देखना चाहिए। देश की हर अदालत में आने वाला हर केस संवैधानिक शासन का ही विस्तार है।

सीजेआई सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस पर चल रहे एक इवेंट में बोल रहे थे। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उद्घाटन भाषण दिया। इवेंट में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी मौजूद रहे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अदालतें अब अपनी कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग कर रही हैं और यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि लोगों को पता चले कि कोर्ट के बंद कमरों केके अंदर क्या हो रहा है। कोर्ट की वर्किंग की मीडिया रिपोर्टिंग अदालती कामकाज में जनता की भागीदारी को भी बताती है। सुप्रीम कोर्ट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन की मदद से अपने फैसलों का रीजनल लैंग्वेज में ट्रांसलेशन करने का फैसला भी लिया है।

उन्होंने कहा कि पहले केस से लेकर 25 नवंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट ने अंग्रेजी में 36 हजार 68 फैसले सुनाए हैं। लेकिन हमारी जिला अदालतों में कार्यवाही अंग्रेजी में नहीं होती है। ये सभी फैसले ई-एससीआर प्लेटफॉर्म पर मुफ्त में उपलब्ध हैं, जिसे इस साल जनवरी में लॉन्च किया गया था। संविधान दिवस पर हम हिंदी में ई-एससीआर लॉन्च कर रहे हैं क्योंकि 21 हजार 388 फैसलों का हिंदी में अनुवाद किया गया है और इन्हें ई-एससीआर पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा 25 नवंबर की शाम तक 9 हजार 276 फैसलों का पंजाबी, तमिल, गुजराती, मराठी, मलयालम, बंगाली और उर्दू सहित अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है।

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