उत्तरकाशी : ड्रिलिंग मशीन टूटने से टनल में बचाव कार्य रुका

उत्तरकाशी। उत्तरकाशी की सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिशों में हर दिन नई-नई बाधाएं सामने आ रही हैं।

मजदूरों से महज 10 मीटर दूर अमेरिकी ऑगर मशीन टूट गई, जिसके कारण रेस्क्यू का काम शुक्रवार से रुका है। इंटरनेशनल टनलिंग एक्सपर्ट अरनॉल्ड डिक्स ने कहा है कि अब ऑगर से ड्रिलिंग नहीं होगी, न ही दूसरी मशीन बुलाई जाएगी। मजदूरों को बाहर निकालने के लिए दूसरे विकल्पों की मदद ली जाएगी। बी प्लान के तहत टनल के ऊपर से वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी हो रही है।

वहीं, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि ऑगर मशीन की ब्लेड्स को काटने हैदराबाद से प्लाज्मा कटर मंगवाया गया है। ऑगर मशीन का टूटा हिस्सा निकाले जाने के बाद मैन्युअल ड्रिलिंग शुरू हो सकेगी। हालांकि इसमें कितना टाइम लगेगा, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। दरअसल, 21 नवंबर से सिलक्यारा की तरफ से टनल में हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जा रही थी। इसमें काफी हद कामयाबी मिली। 60 मीटर के हिस्से में से 47 मीटर तक ड्रिलिंग के जरिए पाइप डाला जा चुका है। मजदूरों तक करीब 10-12 मीटर की दूरी रह गई थी, लेकिन शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग मशीन के सामने सरिए आ जाने से ड्रिलिंग मशीन का शाफ्ट फंस गया। जब मशीन से और प्रेशर डाला गया तो वह टूट गया। इसका कुछ हिस्सा तोड़कर निकाला गया, लेकिन बड़ा हिस्सा अभी भी वहां अटका हुआ है। इसे मैनुअल ड्रिलिंग कर निकाला जाएगा, फिर आगे खुदाई की जाएगी। दरअसल, पाइप में एक ही व्यक्ति जा सकता है और खुदाई कर सकता है। इसलिए, ऐसा करने में काफी वक्त लग सकता है।

अब होगी वर्टिकल ड्रिलिंग!

सिल्क्यारा साइड से ड्रिलिंग फिलहाल रुकी हुई है, इसके चलते प्लान बी पर काम हो रहा है। इसमें हिल टॉप से वर्टिकली खुदाई की जाएगी। हिलटॉप साइट पर समान जुटाया जा रहा है और प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है जिस पर मशीन रखकर ड्रिलिंग होगी। ये वर्टिकल ड्रिलिंग का शाफ्ट है, जिसे हिल टॉप पर ले जाया जा रहा है। इस काम को सतलुज विद्युत निगम लिमिटेड अंजाम देगा। हालांकि, इसमें काफी खतरा बताया जा रहा है, क्योंकि नीचे टनल में मजदूर हैं। ऊपर से बड़ा होल कर नीचे जाने के लिए रास्ता बनाया जाएगा, इसमें काफी मलबा गिरने की आशंका है। इसमें भी कितना वक्त लगेगा, यह तय नहीं है।

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