क्या मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के कारण बवाल ?

रहली विधानसभा चुनाव में नौवी बार अपराजेय योद्धा पंडित गोपाल भार्गव में इस दफा खुद को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में पेश किया था. सम्भवतः उनका दावा बीजेपी द्वारा किसी को भी चुनाव में चीफ मिनिस्टर के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किए जाने के कारण किया गया. चुनाव के दौरान प्रत्याशियों में वाद -विवाद आम होते है. लेकिन वोटिंग के बाद रहली क्षेत्र में हाई प्रोफ़ाइल मामले में विपक्ष की भूमिका तो सामने है. परन्तु इसमें सत्ता पक्ष की गुटबाजी भी हो सकती है. राजनीति की बिसात पर शाह -मात का खेल परदे की पीछे से खेला जा रहा है. इसका संकेत कुछ देर पूर्व खुद पंडित गोपाल भार्गव ने अपनी पोस्ट के माध्यम से देते हुए लिखा कि उन्हें रोकने के लिए साजिश चल रही पढ़िए पंडित गोपाल भार्गव की पूरी पोस्ट मेरे विधानसभा क्षेत्र रहली के गढ़ाकोटा नगर में गत 18 नवंबर को हुई वाहन तोड़ फोड़ की घटना को लेकर कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमति ज्योति और उनके सहयोगियों द्वारा विभिन्न प्रकार के मन गडन्त आरोप सुविचारित एवं योजनाबद्ध तरीके से रोजाना लगाए जा रहें हैं चूकि मैं अभी अपनी धार्मिक यात्रा पर पिछले चार दिनों से महाराष्ट्र राज्य में हूँ! लेकिन मुझे मेरे शुभ चिंतको ने यह बताया है कि यह आपके विरोधियों द्वारा महिला को सामने लाकर कराया जा रहा षड्यंत्र है.. मैं अपने क्षेत्रवासियो एवं प्रदेश वासियों को स्पष्ट रूप से बताना चाहता हूँ, कि मेरा इन सभी विषयों से दूर दूर तक कोई सम्बन्ध नहीं है। लेकिन अभी से मुझे रोकने की यह साजिश शुरू हो गई है राजनीती के शतरंज पर कई खेल होते हैं और उनके कई मोहरे भी होते हैं कुछ मोहरे यह भी हैं ! इन साजिशो से मेरा नहीं बल्कि उन हजारों लोगों का नुकसान हो सकता है जिनकी मैंने दिन और रात जाग जाग कर हर प्रकार से सेवा की है आगे आप स्वयं समझदार हैं। यह लोग चुनाव हारने के बाद दया का पात्र बनकर आगे कुछ पदों का सौदा करना चाहते हैं।
चुनाव परिणाम आने पर क्षेत्र के मतदाताओं का जो भी जनादेश होगा वह मुझे स्वीकार्य होगा मैं जीतु या हारु पद पर रहुँ अथवा न रहूं परन्तु मैं जीवन के अंतिम समय तक बिना किसी पद के गरीबों और बेसहारों की सहायता करता रहूँगा… कोई व्यक्ति मुझे अपने मार्ग से भटका नहीं सकता।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री दिग्विजय सिंह जी दो दिन क्षेत्र में रहकर चले गए और पूरा विषय भी समझ लिया, इससे आगे तो और कोई बात नहीं हो सकती। मेरी सलाह है कि जनता के बीच जाकर उनके कल्याण के काम करे, इन सब नाटको से कुछ नहीं होने वाला ।

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