सुप्रीम कोर्ट से निशा बांगरे की विशेष अनुमति याचिका खारिज डिप्टी कलेक्टर को हाईकोर्ट जाने का रास्‍ता खुला हुआ है

सुप्रीम कोर्ट से निशा बांगरे की विशेष अनुमति याचिका खारिज डिप्टी कलेक्टर को हाईकोर्ट जाने का रास्‍ता खुला हुआ है

भोपाल। मप्र की डिप्‍टी कलेक्‍टर निशा बागरे का इस्‍तीफा अब सियासत से अदालत तक पहंुच गया है। हालांकि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने निशा की विशेष अनुमति याचिका को खारिज करते हुए उन्हें हाईकोर्ट जाने के लिए कहा है। दरअसल, निशा चुनाव लड़ना चाहती है। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर के पद से इस्तीफा दिया था, लेकिन सरकार ने उनका इस्तीफा अमान्य कर दिया। उन्हें कहा गया कि उन्होंने शासन के निर्देशों की अवहेलना, अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण किया है। जिसके बाद निशा ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने पारित अपने आदेश में कहा, ‘हमारे सामने यह तर्क दृढ़तापूर्वक प्रस्तुत किया है कि याचिकाकर्ता ने शासन द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया है। लेकिन हाईकोर्ट से उनके पक्ष में आदेश पारित होने में देरी हो रही है। उम्मीद है कि आदेश शीघ्रता से पारित किया जाएगा।’

इस पर निशा बांगरे ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले को जल्दी करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन ये समझ नहीं आता कि शासन इसे क्यों अटकाना चाहता है। अधिकारी आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रशासनिक निर्णय लेने के बजाय राजनैतिक फैसले ले रहे हैं। एक्सटेंशन पर बैठे एक अधिकारी राजनीति से प्रेरित फैसले कर रहे हैं।

हाईकोर्ट जाने का रास्ता खुला है
निशा बांगरे की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा और उनकी पूरी टीम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट रिट पीटिशन फाइल की थी। 18 अक्टूबर को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस पमीदीघंटम श्री नरसिम्हा की डबल बेंच ने आदेश पारित करते हुए कहा, ‘चूंकि मामला हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में विचाराधीन है, याचिकाकर्ता निशा बांगरे के लिए हाईकोर्ट जाने का रास्ता खुला हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार निशा एक दो दिन में उचित आवेदन अपनी आवश्यकता को रेखांकित करते हुए हाईकोर्ट में दे सकती हैं। यदि वे ऐसा कोई आवेदन प्रस्तुत करती है तो उस पर हाईकोर्ट द्वारा विधिवत विचार किया जाएगा।’

आवेदक के पास 30 अक्टूबर तक का समय
सुप्रीम कोर्ट से आदेश होने के बाद अब एक बार फिर निशा बांगरे को हाईकोर्ट का रुख करना पड़ेगा। निशा के लिए अब उल्टी गिनती शुरू हो गई है क्योंकि 21 अक्टूबर से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। उनके पास नामांकन की अंतिम तारीख 30 अक्टूबर तक समय तो है, लेकिन अब यह देखना होगा कि कांग्रेस उनका कितना इंतजार करती है।

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