इस्तीफा मंजूर कराने निशा स्वीकार रही हैं प्रशासनिक आरोप, कांग्रेस से चुनाव लडना लगभग तय , आगे की रणनीति एक दो दिन में
इस्तीफा मंजूर कराने निशा स्वीकार रही हैं प्रशासनिक आरोप, कांग्रेस से चुनाव लडना लगभग तय , आगे की रणनीति एक दो दिन में
भोपाल । डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे हर हाल में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं। यह तभी संभव है, जब मध्यप्रदेश सरकार उनका इस्तीफा मंजूर कर ले। उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस्तीफा मंजूर कराने के लिए निशा ने खुद पर लगे प्रशासनिक आरोपों को स्वीकार कर लिया है। अगले 14 दिनों में इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ तो निशा बांगरे चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, क्योंकि 30 अक्टूबर नामांकन जमा करने की आखिरी तारीख है।
सांसद विवेक तन्खा ने लगाई है हियरिंग –
निशा बांगरे की ओर से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और एडवोकेट विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट हियरिंग के लिए याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार जानबूझकर एक महिला अधिकारी को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए इस्तीफा मंजूर नहीं कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तारीख तय की है। निशा कहती हैं कि मैंने 22 जून को इस्तीफा दे दिया था। मुझ पर जो आरोप लगे हैं, वो 25 जून के हैं। इस्तीफा देने से पहले मेरे खिलाफ कोई विभागीय जांच नहीं चल रही थी।
कांग्रेस की आमला सीट अभी भी होल्ड पर
प्रदेश कांग्रेस ने 144 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। इसमें बैतूल जिले में आमला को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। आमला वही सीट है, जहां से कांग्रेस के टिकट पर निशा बांगरे के चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। आमला से उम्मीदवार घोषित नहीं करने की वजह है निशा बांगरे का इस्तीफा लगातार खींचते जाना। बीते सप्ताह जबलपुर हाईकोर्ट की बेंच ने निशा के इस्तीफे पर सरकार को एक सप्ताह में निर्णय लेने का निर्देश दिया था।