अभी तक भाजपा के नारायण इस चुनाव में तीसरी बार बदलेगे पाला
विंध्य की राजनीति में प्रेशर पालिटिक्स में खिलाडी हैं
भोपाल। विंध्य की सियासत में जाना पहचाना एक नाम नारायण् त्रिपाठी अभी तक भाजपा के वि धायक हैं लेकिन जल्दी ही तीसरी बार पाला बदलकर पंजा का दामन थामेंगे। वे लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे हैं। जानकारों की मानें तो वे प्रेशर पालिटिक्स के माहिर खिलाडी बताये जाते हैं। बता दें कि इस बात की भनक भाजपा को बहुत पहले से है और यही कारण है कि नारायण की सीट मैहर से इस बार भाजपा ने श्रीकांत चतुर्वेदी को प्रत्याशी घोषित किया है। इसके बाद नारायण ने एक बार फिर कांग्रेस में आने की सोच लिया है। हालांकि नारायण के आने से एक नाम बडा झटका लगेगा वो है अजय सिंह राहुल का। देखना यह है कि नारायण को लेकर कांग्रेस क्या रणनीति बना रही है।जो भी हो राजनीतिक मामले में यह मामला बडा दिलचस्प होने वाला है।
पृथक विंध्य की आवाज बुलंद कर चुके हैं-
विधायक नारायण त्रिपाठी पृथक विंध्य राज्य के गठन की मांग को लेकर अलग पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने की घोषणा किया था। नारायण ने विंध्य विकास पार्टी बनाकर विंध्य इलाके की सीटों पर अलग प्रत्याशी उतारने की घोषणा की थी। लेकिन, चुनाव के ठीक पहले नारायण अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं।
भाजपा ने नहीं लिया एक्शन
बीते दो सालों से नारायण त्रिपाठी लगातार बीजेपी और सत्ता पक्ष के नेताओं को निशाना बना रहे हैं। कई बार वे संगठन और सरकार पर खुलकर बयान दे चुके हैं। उनके बगावती तेवरों के बावजूद बीजेपी ने उनपर कोई एक्शन नहीं लिया है। संसदीय और लोकतांत्रिक हिसाब से वे अभी भी भाजपा के ही विधायक हैं।
सरकार ने मैहर को बनाया जिला
नारायण त्रिपाठी अपनी विधानसभा मैहर को जिला बनाने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलित थे। नारायण ने अपने इलाके में इसे बड़ा मुद्दा बना दिया था। चुनाव आचार संहिता लागू होने के ठीक पहले शिवराज सरकार ने मैहर को जिला बनाने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस मामले में नारायण की दबाव की राजनीति काम कर गई लेकिन आगे क्या है कुछ पता नहीं । अब तक वे चार बार के िवधायक हैं पांचवी बार के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं।
ऐसी है नारायण् की राजनीतिक यात्रा
मप्र में समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।
2003 में पहली बार समाजवादी पार्टी से विधायक बने।
2006 में समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बने।
2009 में कांग्रेस की सदस्यता ली।
2013 में दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने।
27 अगस्त 2015 को विधायक के पद से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए।
फरवरी 2016 में हुए उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर तीसरी बार विधायक बने।
2018 में बीजेपी के टिकट पर चौथी बार विधायक बने।
दबाव की राजनीति से मिली सफलता
कमलनाथ सरकार गिरने के बाद से नारायण त्रिपाठी लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स कर विंध्य से जुडे मामलों को उठा रहे हैं। भोपाल के व्यापमं चौराहे पर लगी पूर्व सीएम अर्जुन सिंह की प्रतिमा तीन सालों से कपडे़ में लिपटी खड़ी थी। नारायण ने विंध्य के लोगों की मौजूदगी में स्वयं प्रतिमा अनावरण करने का ऐलान कर दिया था। जिसके बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व सीएम की प्रतिमा का अनावरण किया था। हालांकि इस कार्यक्रम में नारायण को नहीं बुलाया गया था।