पिछले 30 वर्षों के चुनावी इतिहास में इंदौर ४ से सिंधी समाज का कांग्रेसी उम्मीदवार हमेशा हारता रहा है

पिछले 30 वर्षों के चुनावी इतिहास में इंदौर ४ से सिंधी समाज का कांग्रेसी उम्मीदवार हमेशा हारता रहा है

इंदौर इंदौर विधानसभा 4 जिसे सिंधी मतदाताओं के बाहुल्य का क्षेत्र कहा जाता है उसे विधानसभा इंदौर चार से कांग्रेस द्वारा पिछले 30 वर्षों में दो बार सिंधी उम्मीदवार गोविंद मंघानी को कांग्रेस का टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया था दोनों बार सिंधी कांग्रेसी उम्मीदवार को करारी हार का सामना करना पड़ा
पिछले 40 वर्ष के इतिहास में वर्ष 1985 इंदौर चार से कांग्रेस प्रत्याशी श्री नंदलाल माटा को बहुत मामूली वोटो से जीत प्राप्त हुई थी उसके पीछे का कारण यह था कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्री बल्लभ शर्मा का पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया गया था इस चुनाव के पश्चात लगातार कांग्रेस विधानसभा क्षेत्र 4 से हार का सामना करती आ रही है उसे करारी हार प्राप्त हुई है सिंधी सिख उम्मीदवार मुस्लिम जैन उम्मीदवार खड़ा करने के बाद भी उसे लगातार 7बार विधानसभा के चुनाव में हार प्राप्त हुई है वर्तमान के सर्वे में भी है पाया गया है की विधानसभा चार जो भारतीय जनता पार्टी का अयोध्या माना जाता है इंदौर में भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ है में भारतीय जनता पार्टी मजबूत है और इस बार भी जनता भाजपा के उम्मीदवार को जितवाने में रुचि ले रही है जातिवाद का कोई भी प्रभाव इस विधानसभा क्षेत्र में नहीं पड़ता है पिछले चुनावो में भी कुछ स्वयंभू सिंधी नेताओं ने जातिवाद का जहर घोलने की कोशिश विधानसभा में की थी परंतु उन्हें मुंह की खानी पड़ी थी चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार कितने मतों से हारे कितने रिकॉर्ड मटन से हारे उसके कुछ आंकड़े प्रस्तुत है कुछ स्वयंभू सिंधी नेता पानी में पैदल दौड़ रहे हैं चने के झाड़ पर चढ़कर बैठे हुए हैं इतिहास गवाह है कि इन नेताओं के मंसूबे कभी भी परवान नहीं चढे हैं मंत्र अपनी सिंधी समाज में डूबती नेतागिरी को डूबती नैया को बचाने के लिए बचकानी हरकतें करते हुए सिंधी समाज को भड़का कर अपनी नेतागिरी चमकाने का हल्का प्रयास कर रहे हैं इस विधानसभा क्षेत्र में 56 हजार सिंधी मतदाताओं का दावा करने वाले सिंधी मतदाता क्षेत्र वार मतदाता सूची में प्रत्येक वार्ड में कितने हैं सिंधी मतदाताओं की संख्या का आकलन नहीं करते हवा की बातें कर रहे हैं उनके दावे खोखले हैं वास्तविकता से काफी दूर है इसलिए जब-जब कांग्रेस ने सिंधी उम्मीदवार को टिकट दिया है वह रिकॉर्ड मतों से हारा है मात्र सिंधी मतदाताओं के थोड़े से कुछ हजार वोटो से इंदौर विधानसभा चार का चुनाव सिंधी समाज का उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत सकता और विधानसभा का चुनाव नहीं जीता जा सकता इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पूरी तरह से कमजोर है कमजोर स्थिति होने के कारण इंदौर विधानसभा चा र के इस विधानसभा क्षेत्र से रिकॉर्ड मतों से हारती है इस सच्चाई को सिंधी समाज में बताना चाहिए उन्हें सच्चाई से अवगत कराना चाहिए मात्र अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए झूठ का सहारा इन स्वयंभू सिंधी नेताओं को नहीं लेना चाहिएसिंधु सभा टाइम्स न्यूज़
राजेंद्र सचदेव द्वारा

पिछले 30 वर्षों के चुनावी इतिहास में इंदौर ४ से सिंधी समाज का कांग्रेसी उम्मीदवार हमेशा हारता रहा है

इंदौर इंदौर विधानसभा 4 जिसे सिंधी मतदाताओं के बाहुल्य का क्षेत्र कहा जाता है उसे विधानसभा इंदौर चार से कांग्रेस द्वारा पिछले 30 वर्षों में दो बार सिंधी उम्मीदवार गोविंद मंघानी को कांग्रेस का टिकट देकर अपना उम्मीदवार बनाया था दोनों बार सिंधी कांग्रेसी उम्मीदवार को करारी हार का सामना करना पड़ा
पिछले 40 वर्ष के इतिहास में वर्ष 1985 इंदौर चार से कांग्रेस प्रत्याशी श्री नंदलाल माटा को बहुत मामूली वोटो से जीत प्राप्त हुई थी उसके पीछे का कारण यह था कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार श्री बल्लभ शर्मा का पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किया गया था इस चुनाव के पश्चात लगातार कांग्रेस विधानसभा क्षेत्र 4 से हार का सामना करती आ रही है उसे करारी हार प्राप्त हुई है सिंधी सिख उम्मीदवार मुस्लिम जैन उम्मीदवार खड़ा करने के बाद भी उसे लगातार 7बार विधानसभा के चुनाव में हार प्राप्त हुई है वर्तमान के सर्वे में भी है पाया गया है की विधानसभा चार जो भारतीय जनता पार्टी का अयोध्या माना जाता है इंदौर में भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ है में भारतीय जनता पार्टी मजबूत है और इस बार भी जनता भाजपा के उम्मीदवार को जितवाने में रुचि ले रही है जातिवाद का कोई भी प्रभाव इस विधानसभा क्षेत्र में नहीं पड़ता है …

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