एसएन मेडिकल कॉलेज में टीबी मरीजों को बांटी गईं पोषण पोटली

आगरा।  एसएन मेडिकल कॉलेज स्थित मुस्कान परिवार के गोविंदम भोजनालय द्वारा शनिवार को 100 टीबी मरीजों को गोद लिया गया। इस अवसर पर टीबी मरीजों को पोषण पोटली का वितरण किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि हमें समाज में ऐसा वातावरण तैयार करना होगा कि टीबी मरीज इस रोग को छिपाएं नहीं, बल्कि जांच कराएं। टीबी लक्षण वाले मरीजों को उनके बीच के ही लोग जांच व इलाज के लिए प्रोत्साहित करें। इलाज के दौरान मानसिक संबल प्रदान करें । ऐसा करने से टीबी का उन्मूलन संभव हो सकता है। सीएमओ ने कहा कि इस पुन्य कार्य के लिए गोविन्दम भोजनालय को बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार इस तरह से अगर मरीजों को नियमित रूप से पोषण आहार पोटली मिलेंगी तो वास्तव में देश से टीबी को खत्म करने में मदद मिलेगी जैसा कि भारत सरकार का लक्ष्य 2025 टीबी मुक्त भारत है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि जनपद में निक्षय मित्रों के सहयोग से जनवरी 2023 से अब तक 4889 टीबी के मरीज स्वस्थ हो चुके हैं । जनपद में 443 निक्षय मित्रों व एनजीओ द्वारा वर्ष 2023 में पब्लिक एवं प्राइवेट क्षेत्र के 11129 टीबी मरीजों को गोद लिया जा चुका है। इन सभी को उपचार के दौरान प्रतिमाह पोषण किट वितरण भी किया गया है। पोटली में सोयाबीन, दालें, चने, रमांस की दाल, दलिया, सत्तू, मूंगफली, बोर्नबीटा पाउडर, देशी खांड आदि सामान उपलब्ध रहता है, जिसके सेवन करने से टीबी मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, और मरीजों को दवाइयों को नियमित सेवन करने की शक्ति मिलती है। डीटीओ ने कहा कि शनिवार को गोविंदम भोजनालय द्वारा गोद लिए गए 100 टीबी मरीजों में से 23 मरीज बच्चे और 77 मरीज 20 से 60 वर्ष के हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अन्तर्गत जनपद आगरा में नि:क्षय मित्र बनकर टीबी के मरीजों इस तरह से पोषण पोटली का वितरण सामाजिक संस्थाओं और जनपद के महानुभावों द्वारा जो कार्य किया जा रहा है वह सराहनीय कार्य है। इस कार्य में अन्य लोगों को भी आगे बढ़कर टीबी मुक्त आगरा हेतु प्रेरित होना चाहिए।  जिला क्षय रोग अधिकारी ने रोगियों को जरूरी बातें बताते हुए कहा कि टीबी के इलाज के दौरान दवाओं के साथ-साथ पोषण और भावात्मक सहयोग भी जरूरी है। इसलिए टीबी की दवा के साथ-साथ पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए और परिवार व समाज के लोगों को टीबी मरीजों का भावात्मक सहयोग करना चाहिए। उन्होंने मरीजों को बताया कि टीबी की दवा नाश्ते के बाद ही लें। मरीज सुबह नाश्ते के बाद ही दवा खायें। गर्म तासीर वाली चीजें जैसे चाय, कॉफी, खट्टी एवं मिर्च मसाले वाली चीजें खाने से बचें। मुस्कान परिवार के गोविंदम भोजनालय की फाउंडर रश्मी मगन ने बताया कि वह 2007 से कैंसर मरीजों की सेवा कर रही हैं, इसके लिए उन्हें मलाला अवॉर्ड भी मिल चुका है। मेरी डॉक्टर बहन ने मुझे प्रेरणा दी कि मैं टीबी मरीजों के पोषण पर काम करूं, तो मैंने टीबी मरीजों को गोद लिया है। अब मुझे टीबी मरीजों की सेवा करने का भी मौका मिल रहा है। एसएन मेडिकल कॉलेज क्षय एवं वक्ष रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि टीबी रोगी सुबह हल्का व्यायाम करें, खाने में फाइबर वाली चीजें जैसे हरी सब्जियां, मौसमी फल, दालें, सोयाबीन ज्यादा से ज्यादा लें। खाने के तुरन्त बाद लेटें नहीं बल्कि थोड़ा टहलें। ध्यान रहे कि किसी भी स्थिति में टीबी की दवा बंद नहीं करनी है।एसएन मेडिकल कॉलेज के क्षय एवं वक्ष रोग विभाग के प्रोफेसर डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि टीबी नाखून और बाल को छोड़कर शरीर के किसी भी अंग में हो सकता है। इसके लक्षणों को पहचानकर अपनी जांच कराएं। यह दो प्रकार की होती है, पल्मोनरी और एक्स्ट्रा पल्मोनरी। गोद लिए जाने पर मोती कटरा निवासी 29 वर्षीय टीबी रोगी रऊफ (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह मजदूरी करते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में यह पोषण किट उनके लिए काफी मददगार होगी। मुझे उम्मीद है मैं जल्दी ही स्वस्थ हो जाउंगा। इस दौरान हेल्प आगरा संस्था से जगबीर सिंह, पुष्पा पोपटनी व जिला क्षय रोग केंद्र के सदस्य मौजूद रहे।

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