श्राद्ध पक्ष – इस बार 16 दिन तक चलेगा तर्पण का भोपाल

श्राद्ध पक्ष – इस बार 16 दिन तक चलेगा तर्पण का भोपाल

इस बार महालय श्राद्ध की शुरूआत कल 29 सितंबर से हो रहा है जो कि आगामी 16 दिन तक चलेगा।सनातन परंपरा के अनुसार इस दौरान वे लोग जिनके पितर हैं उन्‍हें शांति , सम्‍मान के लिए पिंड दान करेंगे और जल अर्पित करेंगे। मान्‍यता के अनुसार इन दिनों पितर लोग अपने परिवार से इस बात की अपेक्षा करते हैं कि उन्‍हें वो सब कुछ मिलेगा जिसके लिए इन आत्‍माओं ने शरीर में रहते हुए जी तोड मेहनत करके परिवार को आगे बढाया।
परंपरा को लेकर जाने माने ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बेवाला कहते हैं कि किसी भी पर्व काल की शुरुआत यदि विशिष्ट ग्रह नक्षत्र के साक्षी में हो तो वह विशेष प्रकार से फल प्रदान करने में सक्षम हो जाता है। इस बार महालय श्राद्ध का आरंभ सूर्य – मंगल के कन्या राशि पर गोचरस्थ होने की उपस्थिति का रहेगा। यह एक विशिष्ट स्थिति है, क्योंकि कन्या राशि के सूर्य को धर्मशास्त्र व पुराण में विशिष्ट मान्यता दी गई है। यदि इस प्रकार का योग संयोग बनता है, वह भी बुध की राशि कन्या में तो उसका फल विशेष प्राप्त होता है।
विशिष्ट शक्तियों एवं पदों से सिंचित करता है और विष्णु लोक की प्राप्ति करता है। यही कारण है कि धार्मिक नगरी अवंतिका में मोक्षदायिनी शिप्रा तट के रामघाट, सिद्धवट और खाकचौक स्थित गयाकोठा का महत्व होने से देशभर के श्रद्धालु यहां पहुंचकर अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्धकर्म करते हैं।
400 साल बाद बन रहा यह योग –
महालय श्राद्ध पूरा 16 दिन के रहेंगे। हालांकि, कुछ पंचांगों में चतुर्थी तिथि का क्षय बताया है, किंतु तृतीया और चतुर्थी का अलग-अलग गणित धर्मशास्त्र में बताया गया है। इस दृष्टि से नियत समय पर श्राद्ध अवश्य करें। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह की गति का नियम अलग प्रकार से अपनी गणना करता है। ग्रह गोचर की गणना से देखे तो इस प्रकार का संयोग लगभग 400 वर्ष बाद बन रहा है, क्योंकि सभी ग्रहों का राशि अनुक्रम का कालखंड अलग-अलग प्रकार से स्थिति को दर्शाता है।

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