चंबल कमिश्नर श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के लिये इको सेंसटिव जोन की बेसलाइन पर हुई विस्तार से चर्चा
चंबल कमिश्नर श्री दीपक सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के लिये इको सेंसटिव जोन की बेसलाइन पर हुई विस्तार से चर्चा
मुरैना 26 सितंबर 2023/राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के लिये इको सेंसिटिव जोन के जोनल मास्टर प्लान की तैयारी के लिये बेसलाइन मूल्यांकन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तार से चर्चा की गई। बैठक की अध्यक्षता चंबल संभाग के कमिश्नर श्री दीपक सिंह ने की। बैठक राजपत्र अधिसूचना में सूचीबद्ध निगरानी समिति और एम.ए.आई कंसल्टिंग इंजीनियर्स प्रायवेट लिमिटेड के अधिकारयों सहित मुरैना, भिण्ड, श्योपुर जिले के कलेक्टर्स सीसीएफ श्री उत्तम कुमार, मुरैना, भिण्ड, श्योपुर जिले के वन मंडलाधिकारी नगर निगम आयुक्त सहित अन्य अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को संबोधित करते हुये चंबल कमिश्नर श्री दीपक सिंह ने मध्यप्रदेश नेशनल पार्क सेंचुरी को 5 कलस्टर में सूचीबद्ध किया है। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड और भारत सरकार द्वारा इसका नोटिफिकेशन किया जा चुका है। अधिकृत एवं नियुक्त कंसल्टेंट कंपनी मैसर्स साई कंसल्टिंग कंपनी प्रायवेट लिमिटेड द्वारा मास्टर प्लान को अंतिम स्वरूप देने के लिये बेसलाइन असिस्मेंट पीजीटी तैयार की गई है जिसका विस्तृत प्रिजेन्टेशन किया जाना है।
वीडियो कॅन्फ्रेंसिंग में कंपनी के अधिकारियों द्वारा विस्तार से राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य के लिये इको सेंसिटिव जॉन के जोनल मास्टर प्लान की तैयारी के लिये बेसलाइन मूल्यांकन पर विस्तार से बताया गया। चंबल कमिश्नर ने मुरैना में अवैध खनन का कारण आजीविका एवं रोजगार के अवसर की कमी बताया। उन्होंने प्रस्ताव दिया कि स्थानीय लोगों को इको टूरिज्म गतिविधियों में शामिल किया जा सकता है।
मुख्य वन संरक्षक द्वारा प्रस्तावित विकास गतिविधियाँ जोनल मास्टर प्लान के अनुरूप होनी चाहिए। उन्होंने जोनल मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए एक व्यवहार्य आर्थिक मॉडल के साथ विस्तृत वहन क्षमता की गणना करने पर जोर दिया। उन्होंने आगे सुझाव दिया कि मौजूदा पर्यटन गतिविधियों और बुनियादी ढांचे के लिए आर्थिक मॉडल तैयार किया जा सकता है और उसके अनुसार आगे की गतिविधियां प्रस्तावित की जा सकती हैं। टीसीपीओ श्री कृष्णकांत कुशवाह ने बताया कि मुरैना एसएडीए मास्टर प्लान पहले ही तैयार किया जा चुका है और सरकार द्वारा 07 मार्च 2022 को लागू किया जा चुका है। मध्य प्रदेश और सलाहकारों को जोनल मास्टर प्लान की तैयारी के दौरान सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करने का सुझाव दिया।
कलेक्टर मुरैना श्री अंकित अस्थाना ने कहा कि बेसलाइन रिपोर्ट का उपयोग अंतराल भरने और भविष्य के संदर्भ के लिए किया जा सकता है। उन्होंने चंबल नदी के किनारे स्थित गांवों पर भी प्रकाश डालते हुये कहा कि वे पहले से ही पर्यटन संभावनाओं के बारे में जागरूकता पैदा कर रहे हैं और ईएसजेड क्षेत्र में प्रतिबंधित और गैर-प्रतिबंधित गतिविधियों के बारे में समुदायों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। डीएफओ मुरैना श्री स्वरूप दीक्षित ने स्थानीय समुदाय के साथ जुड़ने और उनकी जरूरतों की पहचान करने की आवश्यकता को बताया।
कलेक्टर भिंड श्री संजीव श्रीवास्तव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ईएसजेड नियम विकास गतिविधियों और स्थानीय समुदायों की आजीविका को भी प्रतिबंधित कर सकते हैं। डीएफओ मोहम्मद माज ने बताया कि जानकारी अटेर किले के आसपास पहले से ही इको-टूरिज्म गतिविधियां चल रही हैं। इस नये प्लान में कैमल सफारी और बीहड़ सफारी को शामिल किया जा सकता है। बरही गांव में कछुआ-अंडे सेने का केंद्र शुरू किया गया। अटेर एवं टर्टल हैचिंग सेंटर को ईको टूरिज्म की दृष्टि से बेहतर विकसित किया जा सकता है। भूमि डेटा सलाहकारों के साथ साझा किया जाएगा।
आयुक्त नगर निगम श्री देवेन्द्र सिंह ने प्रमुख मुददे के रूप में कनेक्टिविटि पर प्रकाश डाला और बुनियादी ढांचे की कमियों पर ध्यान केंद्रित किय। उन्होंने सुझाव दिया कि कंसल्टेंटस अधिक पर्यटकों की सुविधा के लिये मुरैना में और अधिक होटलों का प्रस्ताव रखें। उन्होंने चंबल नदी में जल क्रीडा गतिविधियों की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
कलेक्टर श्योपुर श्री संजय कुमार ने बताया कि चंबल में सुंदर और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण रामेश्वर घाट (तीने नदियों का जंक्शन) को सौंदर्यीकरण, सफाई और हरियाली के साथ एक संभावित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। कछुओं और घड़ियालों की अच्छी आबादी है, श्योपुर से सवाई माधोपुर तक पाली रोड पर 20-25 किमी की दूरी पर नौकायन का प्रस्ताव किया जा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि चंबल नदी के किनारे के नदी तटों को कृषि भूमि में बदल दिया गया है और उन्हें वापस जंगल में परिवर्तित किया जा सकता है। उन्होंने सलाहकारों को जैव विविधता, मानव-वन्यजीव संघर्ष और जलवायु लचीलेपन पर ध्यान देने के साथ चंबल नदी में आने वाली विश्व बैंक समर्थित परियोजनाओं से जुड़े अवसरों की पहचान करने का भी सुझाव दिया, जिन्हें मास्टर प्लान में शामिल किया जा सकता है। डीएफओ मुरैना ने विकास गतिविधियों के लिए वन अधिनियम एवं वन्यजीव अधिनियम के निषेध के तहत रामेश्वर घाट पर लगे प्रतिबंधों को हटाने की बात कही।